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कटक की चांदी तारकशी को मिला जीआई टैग

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कटक की प्रसिद्ध चांदी तारकशी को भौगोलिक उपदर्शन (जीआई) टैग दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ओडिशा राज्य सहकारी हस्तशिल्प निगम लिमिटेड (उत्कलिका) ने एक जुलाई, 2021 को प्रसिद्ध चांदी तारकशी के लिए जीआई टैग का अनुरोध करते हुए आवेदन दिया है।

राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायाक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कटक की चांदी तारकशी को जीआई टैग मिलना ओडिशा के लिए सम्मान की बात है। चांदी के शहर कटक की सदियों पुरानी यह परिष्कृत कला अपनी जटिल कारीगरी के कारण हमारे राज्य को एक अलग पहचान देती है। मैं इस अवसर पर ओडिशा के लोगों, विशेषकर कटक और जिला प्रशासन को शुभकामनाएं देता हूं।’’

बता दें कि ओडिशा राज्य सहकारी हस्तशिल्प निगम लिमिटेड (उत्कलिका) ने एक जुलाई, 2021 को प्रसिद्ध चांदी तारकशी के लिए जीआई टैग का अनुरोध करते हुए आवेदन दिया था। बता दें कि कटक की चांदी तारकशी को जीआई टैग मिलने से इसकी महत्ता काफी बढ़ जाएगी। जीआई टैग उन्हीं उत्पादों को दिए जाते हैं जो सिर्फ किसी खास स्थान पर ही बनाए जाते हों और वह क्षेत्रीय विशेषता के साथ जुड़े हों।

 

GI टैग मिलना क्यों होता है खास?

बता दें कि भौगोलिक संकेतक यानी Geographical Indication (GI Tag) मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। GI टैग मिलने के बाद उस उत्पाद की विशेषता बढ़ जाती है। आसान शब्दों में कहा जाए तो जीआई टैग किसी ऐसे उत्पाद को दिया जाता है जो सिर्फ किसी खास स्थान पर ही बनाए जाते हों और वह वस्तु क्षेत्रीय विशेषता के साथ जुड़ी हो। वहीं GI टैग मिलने के बाद इन उत्पादों को कानून से संरक्षण भी प्रदान कराया जाता है। इसका मतलब मार्केट में उसी नाम से दूसरा प्रोडक्ट नहीं लाया जा सकता। इसके साथ ही GI टैग का मतलब उस क्षेत्र की गुणवत्ता भी अच्छी होना बताता है। इन GI टैग वाले उत्पादों को वैश्विक बाजार भी उपलब्ध कराए जाते हैं।

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