रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल (Crisil) और इक्रा (Icra) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 और दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधति किया है। ग्लोबल ग्रोथ के बाधित होने और फसल उत्पादन प्रभावित होने के चलते दोनों रेटिंग एजेंसियों ने ग्रोथ का अनुमान कम किया है। क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के लिए ग्रोथ के अनुमान को 0.30% घटाकर 7 % कर दिया, जबकि इक्रा ने इसके 6.5% रहने की उम्मीद जताई।
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क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने एक टिप्पणी में कहा, हमने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GPD) ग्रोथ के अपने अनुमान को 7.3% से घटाकर 7% कर दिया है। ऐसा मुख्य रूप से ग्लोबल ग्रोथ में मंदी के चलते किया गया, जिससे हमारा निर्यात और औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने लगी हैं। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ेगी, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले लगभग आधी है।
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