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भारत की GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5% रहने का अनुमान: क्रिसिल

प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भारत की GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2026 (FY26) में 6.5% रहने का पूर्वानुमान लगाया है। एजेंसी ने यह भी अनुमान लगाया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए रेपो दर में 50-75 आधार अंकों (bps) की कटौती कर सकती है।

हालांकि यह दर FY24 में दर्ज 9.2% की तुलना में कम है, लेकिन यह पूर्व-कोविड औसत (FY11-FY20) 6.6% के करीब बनी रहेगी, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

मुख्य बिंदु

भारत की GDP वृद्धि का अनुमान

  • FY25 में अनुमानित वृद्धि दर: 6.5% (FY24 के 9.2% की तुलना में धीमी)।

FY26 में अनुमानित वृद्धि दर: 6.5%, निम्नलिखित कारकों पर आधारित:

  • सामान्य मानसून।
  • स्थिर जिंस (कमोडिटी) कीमतें।
  • निजी उपभोग (Private Consumption) में सुधार।
  • निजी निवेश (Private Investment) में निरंतर वृद्धि।

यह वृद्धि दर पूर्व-कोविड दशक (6.6%) के औसत के करीब रहेगी, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

RBI की मौद्रिक नीति और ब्याज दरें

  • MPC द्वारा FY26 में रेपो दर में 50-75 आधार अंकों की कटौती का अनुमान, जिससे आर्थिक विस्तार को समर्थन मिलेगा।
  • RBI की हालिया तरलता-सुधार (liquidity easing) नीतियां और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए आसान नियम मौद्रिक नीति के प्रभाव को और मजबूत करेंगे।

आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक

1. निजी उपभोग (Private Consumption)

सुधार की संभावना, निम्नलिखित कारणों से:

  • सामान्य मानसून के कारण कृषि उत्पादन में वृद्धि।
  • खाद्य मुद्रास्फीति (food inflation) में कमी, जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
  • केंद्रीय बजट 2025-26 में कर लाभ (Tax Benefits)।
  • संपत्ति निर्माण (asset-building) और रोजगार-सृजन योजनाओं के लिए अधिक आवंटन।

2. निवेश वृद्धि और निजी पूंजीगत व्यय (Private Capex)

  • सरकारी पूंजीगत व्यय (Capex) में कटौती से वित्तीय घाटे (Fiscal Deficit) को नियंत्रित करने की कोशिश होगी।
  • निजी निवेश (Private Investment) में तेजी जरूरी, ताकि आर्थिक गति बनी रहे।

3. व्यापार और बाहरी कारक (Trade & External Factors)

  • मजबूत घरेलू खपत (Domestic Consumption) के कारण आयात (Imports) बढ़ेगा।

निर्यात वृद्धि (Export Growth) में संभावित गिरावट, क्योंकि:

  • संभावित अमेरिकी टैरिफ वृद्धि (US Tariff Hikes), जिससे व्यापार को झटका लग सकता है।
  • वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के कारण चीन से आयात में वृद्धि।
  • FY26 में शुद्ध निर्यात (Net Exports) GDP वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

निष्कर्ष

क्रिसिल का अनुमान बताता है कि भारत की अर्थव्यवस्था FY26 में 6.5% की स्थिर वृद्धि बनाए रखेगी, लेकिन निजी निवेश और व्यापारिक नीतियों में सुधार की आवश्यकता होगी। RBI की मुद्रास्फीति और तरलता नीति आर्थिक विकास को समर्थन दे सकती है, जबकि निर्यात पर संभावित वैश्विक चुनौतियां बनी रह सकती हैं।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? क्रिसिल ने FY26 के लिए भारत की GDP वृद्धि 6.5% रहने का पूर्वानुमान लगाया, रेपो दर में कटौती की संभावना जताई
GDP वृद्धि अनुमान (FY26) 6.5%
पिछले वर्ष की GDP वृद्धि (FY24) 9.2%
पूर्व-कोविड दशक का औसत (FY11-FY20) 6.6%
रेपो दर अपेक्षा (FY26) 50-75 आधार अंकों (bps) की कटौती
मुख्य विकास कारक सामान्य मानसून, स्थिर जिंस (कमोडिटी) कीमतें, निजी उपभोग में वृद्धि, निजी पूंजीगत व्यय (capex)
चुनौतियाँ राजकोषीय प्रोत्साहन (Fiscal Stimulus) में कमी, अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी, वैश्विक व्यापार जोखिम
व्यापार परिदृश्य आयात मजबूत रहेगा, निर्यात कमजोर हो सकता है, शुद्ध निर्यात (Net Exports) GDP वृद्धि को धीमा कर सकता है
भारत की GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5% रहने का अनुमान: क्रिसिल |_3.1

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