जी-20 सम्मेलन में भ्रष्टाचार रोकने के लिए तीन सिद्धांतों पर सहमति बनी है। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन में सहयोग, सूचनाओं का आदान-प्रदान, भ्रष्टाचार से संबंधित संपत्ति की वसूली तंत्र को मजबूत किया जाएगा। टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक में तीन दिन तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहन मंथन किया गया। इसमें जी-20 समूह के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा कर सुझाव दिए।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
25 से 27 मई तक बैठक में भ्रष्टाचार से जुटाई गई संपत्ति की वसूली, भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर कार्रवाई, सूचना साझा करने के लिए सहयोग, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संस्थागत ढांचे और आपसी कानूनी सहायता मुद्दों पर मंथन किया गया। इसके बाद जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार को रोकने और उससे मुकाबला करने के लिए तीन उच्च स्तरीय सिद्धांतों पर सहमति व्यक्त की है।
इसमें जिम्मेदार सार्वजनिक निकायों और प्राधिकरणों की प्रभावशीलता को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन संबंधी अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझा और भ्रष्टाचार से संबंधित संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करना शामिल है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई को मजबूत करने के जी-20 एजेंडे को गति देने के लिए भारत अब तक की पहली व्यक्तिगत भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी भी करेगा।
90 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
बैठक में जी-20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और यूएनओडीसी, ओईसीडी, एगमॉन्ट ग्रुप , इंटरपोल और आईएमएफ समेत 9 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 90 प्रतिनिधियों भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त सचिव राहुल सिंह ने की। जबकि सह-अध्यक्षता इटली के टास्क फोर्स के प्रमुख, जी 20 एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग के सह-अध्यक्ष जियोवन्नी टार्टाग्लिया पोलसिनी और इटली के ही पूर्णाधिकारी मंत्री विदेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री फैब्रिज़ियो मारसेली ने की।
Find More News related to Summits and Conferences