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‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के समर्थन हेतु कलर्स ने सरकार के साथ की साझेदारी

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कलर्स चैनल ने बच्चियों को बेसहारा छोड़ दिए जाने के मुद्दे का समाधान करने के लिए सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के साथ सहयोग की घोषणा की है। एक बयान में यह जानकारी दी गई। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि चैनल का अपने नए कार्यक्रम ‘डोरी’ को शुरू करने का मकसद सामाजिक बदलाव लाना और बालिकाओं के प्रति लैंगिक पूर्वाग्रह को दूर करना है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बच्चियों को बेसहारा छोड़े जाने के गंभीर मुद्दे को हल करने के इस जुड़ाव के हिस्से के रूप में कलर्स, देश भर में किसी भी त्यागी हुई बालिका के लिए सहायता चाहने वाले व्यक्ति के लिए 24 घंटे के आपातकालीन टोल फ्री चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर (1098) को बढ़ावा देगा।

 

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने क्या कहा?

इस साझेदारी के बारे में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जिस तरह किसी राष्ट्र की प्रगति इस बात से परिभाषित होती है कि वह अपनी महिलाओं और बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करता है, ठीक उसी तरह मनोरंजन का प्रभाव इस बात से परिभाषित होता है कि वह मानसिकता को कैसे बदल सकता है। उन्होंने कहा कि चैनल दर्शकों के बीच हमारे चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा और इस पहल को अत्यंत आवश्यक लोकप्रिय सहायता प्रदान करेगा।

कलर्स के बारे में

‘कलर्स’ भारत में मनोरंजन क्षेत्र में वायाकॉम 18 का प्रमुख ब्रांड है। 21 जुलाई 2008 को लॉन्च किया गया ‘भावनाओं’ और ‘विविधता’ का संयोजन, कलर्स, अपने दर्शकों को भावनाओं का एक संपूर्ण और विस्तृत श्रेणी प्रदान करता है। फिक्शन शो से लेकर फॉर्मेट शो, रियलिटी शो से लेकर ब्लॉकबस्टर फिल्में तक – इसके बास्केट में ‘जज्बात के सभी रंग’ शामिल हैं। ‘कलर्स’ शिव शक्ति – तप त्याग तांडव, नीरजा…एक नई पहचान, उडारियां, परिणीति, सुहागन, चांद जलने लगा, बिग बॉस और खतरों के खिलाड़ी जैसे शो के माध्यम से ‘समग्र अवलोकन’ को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

 

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FAQs

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या है?

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय।