उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल संरक्षण अभियान 2025 के अंतर्गत ‘भागीरथ’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इस पहल का उद्देश्य राज्य में जल स्रोतों के संरक्षण को बढ़ावा देना है, और यह “धारा मेरी, नौला मेरा, गाँव मेरा, प्रयास मेरा” थीम पर आधारित है। इस ऐप के माध्यम से आम नागरिक अपने क्षेत्र में संकटग्रस्त जल स्रोतों जैसे नौले, धाराएं और वर्षा से पोषित नदियों की जानकारी सरकार को दे सकेंगे। इससे सरकार को इन महत्वपूर्ण जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। सीएम धामी ने इस अवसर पर जनता की भागीदारी और टिकाऊ जल प्रबंधन उपायों को जल संसाधनों की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।
मुख्य बिंदु
भागीरथ ऐप का शुभारंभ
- भागीरथ ऐप की शुरुआत स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में संकटग्रस्त जल स्रोतों की पहचान करने और रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु की गई।
- इस ऐप का उद्देश्य सरकार को महत्वपूर्ण जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन की दिशा में कदम उठाने में सहायता करना है।
अभियान की थीम और पुस्तिका
- जल संरक्षण अभियान 2025 की थीम है – “धारा मेरी, नौला मेरा, गाँव मेरा, प्रयास मेरा”, जो जल स्रोतों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान करती है।
- इस अवसर पर अभियान से संबंधित एक आधिकारिक पुस्तिका भी जारी की गई।
जल संरक्षण का महत्व
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नौले, धाराएं और वर्षा से पोषित नदियों जैसे प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण टिकाऊ जल प्रबंधन के लिए आवश्यक है।
- उन्होंने राज्य में विकास और प्रगति को सुनिश्चित करने में जल संरक्षण की भूमिका पर बल दिया।
स्प्रिंग एंड रिवर रीजुवेनेशन अथॉरिटी (SARA)
- SARA उत्तराखंड में जल स्रोत संरक्षण प्रयासों का समन्वय कर रही है।
- पिछले वर्ष में SARA ने 3.12 मिलियन क्यूबिक मीटर वर्षा जल को संचित किया और राज्य में 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण किया।
केंद्रीय भूजल बोर्ड के साथ सहयोग
- SARA, केंद्रीय भूजल बोर्ड के साथ मिलकर विशेष रूप से मैदानी क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण के प्रयास कर रही है, ताकि दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
नदी पुनर्जीवन परियोजनाएं
- नायर, सोंग, उत्तरवाहीनी शिप्रा और गौरी जैसी नदियों के पुनर्जीवन के लिए IIT रुड़की और NIH रुड़की के साथ मिलकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
- इस परियोजना में वैज्ञानिक और तकनीकी विधियों से नदियों के उपचार पर ध्यान दिया जाएगा।
राज्यव्यापी जल संरक्षण अभियान
- मुख्यमंत्री धामी ने जल संरक्षण प्रयासों की सफलता के लिए जनभागीदारी को आवश्यक बताया।
- राज्य भर में गांव स्तर पर कार्यक्रम और पहल चलाई जाएंगी, ताकि जागरूकता फैलाई जा सके और स्थानीय शासन इकाइयों को जल प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त किया जा सके।
धारा-नौला संरक्षण समिति का गठन
- ग्राम स्तर पर एक धारा-नौला संरक्षण समिति का गठन किया गया है, ताकि समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
- सतत जल प्रबंधन हेतु ग्राम पंचायतों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
विषय | विवरण |
समाचार में क्यों? | मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड में जल संरक्षण हेतु भागीरथ ऐप लॉन्च किया |
भागीरथ ऐप लॉन्च | लॉन्च तिथि: 29 मार्च 2025 |
उद्देश्य | संकटग्रस्त जल स्रोतों की रिपोर्टिंग के माध्यम से संरक्षण सुनिश्चित करना |
अभियान की थीम | “धारा मेरी, नौला मेरा, गाँव मेरा, प्रयास मेरा” — जल संरक्षण में सामूहिक प्रयास पर बल |
SARA की उपलब्धियां | 3.12 मिलियन क्यूबिक मीटर वर्षा जल संचित, 6,500+ जल स्रोतों का संरक्षण |
भूजल पुनर्भरण हेतु सहयोग | मैदानी क्षेत्रों में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड के साथ कार्य |
नदी पुनर्जीवन परियोजनाएं | नायर, सोंग, उत्तरवाहीनी शिप्रा, गौरी नदियों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट IIT रुड़की व NIH रुड़की के सहयोग से तैयार |
राज्यव्यापी जल संरक्षण अभियान | ग्राम एवं राज्य स्तर पर कार्यक्रमों द्वारा जल संरक्षण और स्थानीय शासन की भागीदारी सुनिश्चित करना |
धारा-नौला संरक्षण समिति | जल संरक्षण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु ग्राम स्तर पर समिति का गठन |
ग्राम पंचायतों हेतु कार्यशालाएं | स्थायी जल प्रबंधन के लिए स्थानीय निकायों को प्रशिक्षण देने हेतु चरणबद्ध कार्यशालाएं |