2025 के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में, चीन ने क्षेत्रीय विकास, तकनीकी नवाचार और शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वाकांक्षी वादे किए। भारत में चीनी राजदूत शू फेइहोंग द्वारा घोषित इन पहलों में एससीओ सदस्य देशों के लिए 2 अरब डॉलर का अनुदान, विस्तारित छात्रवृत्तियाँ, कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास कार्यक्रम और आजीविका परियोजनाएँ शामिल हैं।
चीन की प्रमुख घोषणाएँ
1. 2 अरब डॉलर का अनुदान और ऋण
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वर्ष 2025 के अंत तक SCO सदस्य देशों को 2 अरब RMB (लगभग 274 मिलियन अमेरिकी डॉलर) अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
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अगले तीन वर्षों में 10 अरब RMB (लगभग 1.37 अरब अमेरिकी डॉलर) का ऋण SCO इंटरबैंक कंसोर्टियम सदस्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्देश्य: आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा देना।
2. 100 “छोटे और सुंदर” परियोजनाएँ
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SCO देशों में 100 स्थानीय जनजीवन परियोजनाएँ चलाई जाएँगी।
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मुख्य क्षेत्र:
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स्वास्थ्य व स्वच्छता
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शिक्षा और बुनियादी सुविधाएँ
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जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण
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शैक्षणिक और मानव संसाधन पहलें
3. छात्रवृत्तियाँ और पीएचडी कार्यक्रम
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वर्ष 2026 से चीन:
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SCO-विशिष्ट छात्रवृत्तियों की संख्या दोगुनी करेगा।
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SCO इनोवेटिव पीएचडी प्रोग्राम शुरू करेगा।
उद्देश्य: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में उच्च-स्तरीय प्रतिभा विकसित करना।
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4. लुबान कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण
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अगले पाँच वर्षों में:
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SCO देशों में 10 लुबान कार्यशालाएँ स्थापित होंगी।
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10,000 प्रशिक्षण अवसर व्यावसायिक और तकनीकी कौशल में प्रदान किए जाएँगे।
लुबान कार्यशालाएँ उन्नत विनिर्माण और तकनीकी कौशल विकास के लिए जानी जाती हैं।
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता और तकनीकी सहयोग
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तियानजिन घोषणा (Tianjin Declaration) में सभी सदस्य देशों (भारत सहित) ने:
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जिम्मेदार AI विकास का समर्थन किया।
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सुरक्षा, पारदर्शिता, समावेशिता और निष्पक्षता पर जोर दिया।
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AI डेवलपमेंट कोऑपरेशन रोडमैप (चेंगदू, जून 2025) को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।
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चीन ने अपने AI कौशल का प्रदर्शन करते हुए “Xiao” नामक ह्यूमनॉइड रोबोट को सम्मेलन में तैनात किया, जिसने मीडिया और प्रतिनिधियों की सहायता की।
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राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कहा कि AI, ऊर्जा, डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार SCO के भविष्य के स्तंभ होंगे।
भारत की भूमिका
भारत ने:
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AI सहयोग का समर्थन किया।
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नैतिक और जन-केंद्रित AI विकास पर बल दिया।
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उभरती प्रौद्योगिकियों और डिजिटल अवसंरचना में सहयोग का आह्वान किया।
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विकासशील देशों के लिए AI उपकरणों की समान पहुँच सुनिश्चित करने की बात कही।
यह भारत की रणनीतिक तकनीकी कूटनीति को मज़बूती देता है।
परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु
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मेज़बान देश: चीन
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महत्वपूर्ण घोषणा: तियानजिन घोषणा (2025)
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मुख्य फोकस:
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जिम्मेदार AI विकास
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सुरक्षा, समावेशिता, निष्पक्षता और पारदर्शिता
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चीन की घोषणाएँ:
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2 अरब RMB अनुदान और 10 अरब RMB ऋण
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100 जनजीवन परियोजनाएँ
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छात्रवृत्तियाँ दोगुनी + इनोवेटिव पीएचडी प्रोग्राम
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10 लुबान कार्यशालाएँ और 10,000 प्रशिक्षण अवसर
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