साल 2000 में गठन के समय मात्र 1,400 मेगावाट (MW) क्षमता रखने वाला छत्तीसगढ़ आज 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है। यह तीव्र वृद्धि राज्य को भारत के पावर हब में बदलने और क्षेत्रीय बिजली आपूर्ति में एक मज़बूत स्तंभ के रूप में स्थापित करने का प्रमाण है।
बिजली उत्पादन में वृद्धि
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2000: 1,400 MW क्षमता
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2025: 30,000 MW क्षमता
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आगामी निवेश: ₹3 लाख करोड़, जिससे 30,000 MW और जुड़ने की संभावना।
छत्तीसगढ़ अब पड़ोसी राज्यों को बिजली सप्लाई कर स्थायी राजस्व कमा रहा है और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा में योगदान दे रहा है।
हालिया विकास
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नया पावर प्लांट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 1,320 MW क्षमता वाला पावर प्लांट उद्घाटित किया।
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नया मुख्यालय: नव रायपुर अटल नगर में राज्य संचालित बिजली कंपनियों का संयुक्त मुख्यालय बनाया जा रहा है, जिससे समन्वय, दक्षता और उपभोक्ता सेवाओं में सुधार होगा।
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वैश्विक दृष्टिकोण: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा कर विश्वस्तरीय कार्यसंस्कृति और अवसंरचना अपनाने का संदेश दिया।
औद्योगिक नीति और निवेश
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नई औद्योगिक नीति के तहत ₹3 लाख करोड़ के एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर।
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राज्य की क्षमता निकट भविष्य में 60,000 MW तक पहुँचने की संभावना।
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नवीकरणीय और थर्मल ऊर्जा परियोजनाओं में वैश्विक निवेश आकर्षित होगा।
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रोज़गार और औद्योगिक विकास के नए अवसर पैदा होंगे।
नवीकरणीय ऊर्जा की भूमिका
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पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सौर ऊर्जा का विस्तार, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में।
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सौर परियोजनाएँ पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता घटाकर सतत ऊर्जा लक्ष्यों की ओर अग्रसर कर रही हैं।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
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मुख्यमंत्री: विष्णु देव साय
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राज्यपाल: खंभापति
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राजधानी: रायपुर


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