केंद्रीय पशुपालन और मत्स्यपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने सिक्किम के सोरेंग जिले में देश के पहले जैविक मत्स्यपालन क्लस्टर का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य मछली पालन उद्योग को पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ और रासायनिक-मुक्त मछली पालन प्रथाओं को बढ़ावा देकर क्रांतिकारी बदलाव लाना है। यह क्लस्टर जैविक, एंटीबायोटिक-मुक्त और कीटनाशक-मुक्त मछली प्रदान करेगा, जिसे वैश्विक रूप से पारिस्थितिकीय रूप से जागरूक बाजारों में बेचा जाएगा। यह विकास सिक्किम की स्थायी कृषि प्रथाओं की प्रतिष्ठा के अनुरूप है, क्योंकि राज्य पहले ही जैविक खेती को अपना चुका है।
मुख्य बिंदु
- जैविक मत्स्यपालन क्लस्टर का शुभारंभ
– सिक्किम के सोरेंग जिले में भारत का पहला जैविक मत्स्यपालन क्लस्टर स्थापित किया गया, जो टिकाऊ मछली पालन प्रथाओं को बढ़ावा देगा।
– इस क्लस्टर में एंटीबायोटिक-मुक्त, रासायनिक-मुक्त और कीटनाशक-मुक्त जैविक मछली प्रदान की जाएगी, जिसे पारिस्थितिकीय रूप से जागरूक बाजारों में बेचा जाएगा। - सरकारी समर्थन और दृष्टिकोण
– यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और मत्स्यपालन में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
– सिक्किम, जो जैविक खेती के लिए जाना जाता है, अपनी दृष्टि को जैविक मत्स्यपालन को एक प्रमुख क्षेत्र बनाने के लिए संरेखित कर रहा है। - टिकाऊ मछली पालन
– जैविक मत्स्यपालन क्लस्टर पारिस्थितिकीय रूप से स्वस्थ प्रथाओं पर जोर देता है, जिसमें मछली पालन में रासायनिक, एंटीबायोटिक और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाएगा।
– टिकाऊपन पर ध्यान केंद्रित करने से पर्यावरणीय प्रदूषण को न्यूनतम किया जाएगा और जलमौलीक पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा होगी। - 50 प्रमुख परियोजनाओं का शुभारंभ
– मंत्री सिंह ने प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के तहत 50 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों (अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को छोड़कर) में मत्स्यपालन को बढ़ावा देगा।
– इन परियोजनाओं का कुल मूल्य ₹50 करोड़ है और यह क्षेत्र में टिकाऊ मछली उत्पादन प्रथाओं को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती हैं। - सिक्किम में पर्यावरणीय मित्र प्रथाएं
– सिक्किम सरकार की जैविक खेती को अपनाने से जैविक मत्स्यपालन की शुरुआत की गई, जिससे राज्य की स्थायी और पर्यावरणीय रूप से मित्रवत प्रथाओं की प्रतिष्ठा और बढ़ी है।
सारांश/स्थैतिक | विवरण |
खबर में क्यों? | केंद्र ने सिक्किम में भारत का पहला ऑर्गेनिक मछली पालन क्लस्टर लॉन्च किया। |
ऑर्गेनिक मछली पालन क्लस्टर की शुरुआत | सिक्किम के सोरेंग जिले में पहला ऑर्गेनिक मछली पालन क्लस्टर शुरू हुआ, जो पारिस्थितिकीय रूप से स्वस्थ, रासायनिक मुक्त और एंटीबायोटिक मुक्त मछली पालन पर केंद्रित है। |
सरकारी समर्थन | किसानों की आय बढ़ाने और मछली पालन में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए, जो सिक्किम की जैविक खेती दृष्टि से मेल खाता है। |
स्थिरता की प्रथाएँ | मछली पालन में रासायनिक, एंटीबायोटिक और कीटनाशकों के बिना पारिस्थितिकीय रूप से स्वस्थ प्रथाओं पर जोर दिया गया, ताकि पर्यावरणीय प्रदूषण को न्यूनतम किया जा सके। |
पीएमएमएसवाई के तहत 50 महत्वपूर्ण परियोजनाएँ | ₹50 करोड़ मूल्य की 50 परियोजनाओं का उद्घाटन, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थिर मछली उत्पादन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए हैं। |
पर्यावरण अनुकूल प्रतिष्ठा | सिक्किम की जैविक खेती की पहल अब मछली पालन क्षेत्र तक बढ़ी, जिससे पर्यावरणीय रूप से अनुकूल और स्थिर प्रथाओं को बढ़ावा मिला। |