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केंद्र ने 30 राज्यों में पीडीएस दक्षता बढ़ाने हेतु ‘अन्न-चक्र’ आपूर्ति श्रृंखला उपकरण लागू किया

भारत की खाद्य आपूर्ति प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार ने “अन्न-चक्र” आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन उपकरण को 31 लक्षित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) में से 30 में लागू कर दिया है। इस डिजिटल पहल का उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को तकनीक आधारित लॉजिस्टिक्स के माध्यम से सुव्यवस्थित करना है। अनुमान है कि इससे हर साल लगभग ₹250 करोड़ की बचत होगी और पर्यावरणीय प्रभाव भी कम होगा।

“अन्न-चक्र” क्या है?

“अन्न-चक्र” एक रूट ऑप्टिमाइजेशन और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन उपकरण है, जिसे पीडीएस लॉजिस्टिक्स और खाद्यान्न परिवहन की दक्षता बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है। यह डाटा-आधारित एल्गोरिद्म का उपयोग कर परिवहन लागत घटाता है, डिलीवरी समय कम करता है और केंद्रीय गोदामों से उचित मूल्य की दुकानों तक व्यवस्थित आपूर्ति सुनिश्चित करता है।

पारंपरिक मैनुअल योजना की जगह स्वचालित रूट ऑप्टिमाइजेशन अपनाकर यह उपकरण अपव्यय रोकने, ईंधन बचाने और वास्तविक समय निर्णय-निर्माण में मदद करता है।

वर्तमान स्थिति

अगस्त 2025 तक, यह उपकरण निम्नलिखित 30 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है—पंजाब, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, मिज़ोरम, बिहार, सिक्किम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, नागालैंड, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, असम, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, त्रिपुरा, केरल, कर्नाटक, हरियाणा और ओडिशा। केवल मणिपुर में यह अब तक लागू नहीं हो सका है।

“अन्न-चक्र” के प्रमुख लाभ

  1. लागत में बचत – हर साल लगभग ₹250 करोड़ की बचत, क्योंकि परिवहन लागत, ईंधन खपत और अनावश्यक रूट घटेंगे।

  2. पर्यावरणीय प्रभाव में कमी – ईंधन उपयोग घटने से CO₂ उत्सर्जन कम होगा, जिससे जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में योगदान मिलेगा।

  3. आपूर्ति श्रृंखला की पारदर्शिता – डिजिटल डैशबोर्ड और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स से स्टॉक मूवमेंट ट्रैक करना, देरी की आशंका पहचानना और खाद्यान्न लीकेज या डायवर्जन रोकना आसान होगा।

  4. समय पर वितरण – रूट और शेड्यूल ऑप्टिमाइजेशन से राशन समय पर, विशेषकर दूरस्थ और कठिन क्षेत्रों तक, पहुँच सकेगा।

पीडीएस के लिए रणनीतिक महत्व

भारत की पीडीएस प्रणाली लगभग 80 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करती है, जो विश्व की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा नेटवर्क में से एक है। इस प्रणाली की सफलता के लिए अनाज का प्रभावी और समयबद्ध वितरण अत्यंत आवश्यक है।

“अन्न-चक्र” की शुरुआत से—

  • लॉजिस्टिक व्यय घटाकर बेहतर वित्तीय प्रबंधन,

  • कमजोर वर्गों तक खाद्य पहुँच में सुधार,

  • प्रशासनिक स्तर पर निगरानी और लॉजिस्टिक साझेदारों के साथ तालमेल आसान होगा।

चुनौतियाँ और आगे की राह

हालाँकि यह परियोजना काफी आगे बढ़ चुकी है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं—

  • मणिपुर में पूर्ण एकीकरण अभी बाकी है, संभवतः स्थानीय लॉजिस्टिक कारणों से।

  • स्थानीय अधिकारियों और परिवहन ऑपरेटरों को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षण जारी है।

  • निरंतर डाटा अपडेट और अवसंरचना समर्थन ज़रूरी है ताकि उपकरण का प्रदर्शन कायम रह सके।

चरणबद्ध विस्तार और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों से यह पहल पूरे देश में स्थायी और व्यापक लाभ दे सकती है।

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