भारत की सैन्य नेतृत्व में निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जनरल अनिल चौहान के कार्यकाल को चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (CDS) के रूप में बढ़ा दिया है। 24 सितंबर 2025 को घोषित इस निर्णय के तहत जनरल चौहान अब 30 मई 2026 तक या अगले आदेश तक इस महत्वपूर्ण पद पर बने रहेंगे। यह विस्तार सरकार की तीनों सेनाओं में संयुक्तता, समन्वय और आधुनिकीकरण को सशक्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जनरल अनिल चौहान का पृष्ठभूमि
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भारत के दूसरे CDS (पहले CDS जनरल बिपिन रावत थे)
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सितंबर 2022 में CDS नियुक्त हुए
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CDS के रूप में रक्षा मंत्रालय के अधीन सैन्य मामलों के विभाग (DMA) के सचिव भी हैं
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रणनीतिक योजना, ऑपरेशनल कमान और रक्षा आधुनिकीकरण में दशकों का अनुभव रखते हैं
कार्यकाल विस्तार का महत्व
1. नेतृत्व की निरंतरता सुनिश्चित करना
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यह विस्तार रक्षा सुधारों को लागू करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक नेतृत्व सुनिश्चित करता है।
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जनरल चौहान ने थिएटर कमांड्स प्रोजेक्ट और त्रि-सेवा एकीकरण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
2. तीनों सेनाओं में संयुक्तता को मज़बूत करना
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CDS के रूप में वे थलसेना, नौसेना और वायुसेना के एकीकृत संचालन की देखरेख करते हैं।
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विस्तारित कार्यकाल से संयुक्त संचालन सिद्धांत को गति मिलेगी और भारत की सैन्य क्षमता में वृद्धि होगी।
3. रक्षा सुधार और आधुनिकीकरण को बढ़ावा
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उनके नेतृत्व में DMA ने आत्मनिर्भर भारत और सैन्य खरीद सुधारों पर ज़ोर दिया है।
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विस्तार से स्वदेशीकरण, अवसंरचना आधुनिकीकरण और रणनीतिक क्षमता विकास को और बल मिलेगा।
सरकार का आधिकारिक बयान
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कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने 24 सितंबर 2025 को उनके कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दी।
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आदेश के अनुसार वे 30 मई 2026 तक या अगले आदेश तक CDS बने रहेंगे।
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इस अवधि में वे सैन्य मामलों के विभाग (DMA) के सचिव के रूप में भी कार्य करते रहेंगे।


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