प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आपदा प्रतिरोधी भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, गृह मंत्रालय ने गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में कई पहलें की हैं ताकि देश में आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित किया जा सके। भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को मजबूत करके आपदाओं के दौरान जान-माल को होने वाले किसी भी बड़े नुकसान को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
उच्च स्तरीय समिति ने बैठक में तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र राज्यों में शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए कुल 2514.36 करोड़ रुपये की लागत से छह परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी, जो छह मेट्रो शहरों मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे में हैं। इससे पहले, एचएलसी ने 27 नवंबर 2023 को चेन्नई शहर में तमिलनाडु राज्य के लिए बाढ़ प्रबंधन हेतु एकीकृत समाधान के लिए 561.29 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
उच्च स्तरीय समिति ने असम, कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए “राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण” योजना के तहत 810.64 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाले तीन परियोजना प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत कुल 5000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 11 राज्यों के प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे दी है, जिनका कुल परिव्यय 1691.43 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा, उच्च स्तरीय समिति ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के लिए जीएलओएफ जोखिम शमन के लिए 150 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर एक परियोजना प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। जीएलओएफ जोखिम शमन परियोजना इन चार राज्यों को जीएलओएफ जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक शमन उपाय करने में आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
उच्च स्तरीय समिति ने एनडीआरएफ से 470.50 करोड़ रुपये के व्यय पर युवा आपदा मित्र योजना (वाईएएमएस) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जिसे देश के 315 सर्वाधिक आपदा संभावित जिलों में कार्यान्वित किया जाएगा, ताकि 1300 प्रशिक्षित आपदा मित्र स्वयंसेवकों को मास्टर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया जा सके तथा 2.37 लाख स्वयंसेवक विशेष रूप से एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस तथा बीएसएंडजी (भारत स्काउट्स एंड गाइड्स) से आपदा तैयारी एवं प्रतिक्रिया में प्रशिक्षित किए जा सकें।
यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें किसी भी आपदा के दौरान समुदाय को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में तैयार किया जाता है। इससे पहले, सरकार ने “आपदा मित्र” योजना लागू की है, जिसके तहत देश के 350 सबसे अधिक आपदा-प्रवण जिलों में आपदा प्रतिक्रिया के लिए लगभग 1 लाख सामुदायिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान, केंद्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत 14 राज्यों को 6348 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) के तहत 06 राज्यों को 672 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत 10 राज्यों को 4265 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
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