अमेरिकी कंपनी मेटा ने 24 जुलाई 2023 को कहा कि वो ‘वॉट्सऐप से व्यापार’ पहल का विस्तार कर रही है। दिग्गज टेक कंपनी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के साथ मिलकर 1 करोड़ लोक ट्रेडर्स को डिजिल बनाएगी। CAIT और ग्लोबल टेक कंपनी मेटा के मालिकाना हक वाला इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पार्टनरशिप के तहत काम करेंगे। दोनों साथ मिलकर देश में 1 करोड़ लोकल व्यापारियों को डिजिटल रूप से प्रशिक्षित और स्किल्ड करेंगे।
साझेदारी का लक्ष्य सभी 29 भारतीय राज्यों में 11 भारतीय भाषाओं में हाइपर-स्थानीय डिजिटल प्रशिक्षण के साथ व्यवसायों के लिए विकास के अवसरों को उजागर करने के लिए डिजिटलीकरण प्रयासों को अंतिम व्यापारी तक पहुंचाना है। इस साझेदारी का मुख्य लक्ष्य लोकलाइज डिजिटलाइजेशन के जरिए छोटे बिजनेस में अवसरों को बढ़ाना है। वॉट्सऐप ने कहा कि CAIT एक वर्कशॉप सीरीज चलाएगी जिसमें ट्रेडर्स को डिजिटल और स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी।
देश भर में 40,000 ट्रेड एसोसिएशन
CAIT के पास देश भर में 40,000 ट्रेड एसोसिएशन और 8 करोड़ ट्रेडर्स का जबरदस्त नेटवर्क है। वर्कशॉप में बताया जाएगा कि छोटे-मझोले दुकानदार और ट्रेडर्स अपने बिजनेस को कैसे डिजिटल बना सकते हैं। उन्हें वॉट्सऐप बिजनेस ऐप पर अपनी ‘डिजिटल दुकान’ खोलने की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा स्टोर को डिजिटल बनाने का तरीका बताया जाएगा। वर्कशॉप में भाग लेने वाले ट्रेडर्स को ऐप के फीचर्स और टूल के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
नए बाजारों की खोज
इन वर्षों में, WhatsApp Business App ने पूरे भारत में सूक्ष्म, लघु व्यवसायों और एकल उद्यमियों को अपने व्यवसाय के लिए एक पेशेवर डिजिटल पहचान बनाने के साथ-साथ नए बाजारों की खोज करने और अपने ग्राहकों की सेवा करने के लिए एक लोकतांत्रिक प्रवेश द्वार प्रदान किया है। यह साझेदारी भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाकर और नए युग की उपभोक्ता आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाकर संपन्न व्यापार समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम है।
डिजिटल कौशल चार्टर
यह साझेदारी 25,000 व्यापारियों को मेटा स्मॉल बिजनेस अकादमी तक पहुंच प्रदान करके व्यापारिक समुदाय के लिए कैट के डिजिटल कौशल चार्टर को भी गति देगी। मेटा स्मॉल बिजनेस अकादमी द्वारा प्रमाणन विशेष रूप से नए उद्यमियों और विपणक को मेटा ऐप्स पर बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण डिजिटल मार्केटिंग कौशल हासिल करने में मदद करेगा। कार्यक्रम को पूरे भारत में एमएसएमई तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए, पाठ्यक्रम मॉड्यूल और परीक्षा सात भाषाओं – अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, बंगाली, कन्नड़, तमिल और तेलुगु में उपलब्ध हैं।
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