केंद्र सरकार ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के फेज-2 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत लाइन 4 (खराड़ी–हडपसर–स्वारगेट–खड़खवासला) और लाइन 4A (नाल स्टॉप–वर्जे–माणिक बाग) का निर्माण होगा। इस विस्तार से शहरभर में मेट्रो कनेक्टिविटी मजबूत होगी, सड़क जाम कम होंगे और लाखों यात्रियों को किफायती, हरित और तेज़ परिवहन विकल्प मिलेंगे।
पुणे मेट्रो लाइन 4 और 4A क्या हैं?
फेज-2 के अंतर्गत दो प्रमुख कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे:
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लाइन 4: खराड़ी से खड़खवासला तक—हडपसर और स्वारगेट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से गुजरती हुई।
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लाइन 4A: नाल स्टॉप से वर्जे और माणिक बाग तक की छोटी शाखा मार्ग (स्पर लाइन)।
दोनों ही कॉरिडोर पूरी तरह एलिवेटेड होंगे, जिनकी कुल लंबाई 31.636 किमी और कुल 28 स्टेशन होंगे। इनका डिजाइन मौजूदा और आगामी मेट्रो लाइनों के साथ सहज इंटरकनेक्शन सुनिश्चित करेगा।
यह विस्तार क्यों महत्वपूर्ण है?
पुणे के Comprehensive Mobility Plan (CMP) के अनुसार यह परियोजना शहर की कोर परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करती है:
प्रमुख लाभ
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महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ना
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खराड़ी के IT पार्क
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हडपसर के औद्योगिक क्षेत्र
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स्वारगेट का बड़ा व्यावसायिक केंद्र
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खड़खवासला और वर्जे के आवासीय/पर्यटन क्षेत्र
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भीड़भाड़ वाली सड़कों पर राहत
जैसे—सिंहगढ़ रोड, मागरपट्टा रोड, सोलापुर रोड, मुंबई–बेंगलुरु हाईवे। -
मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी
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हडपसर रेलवे स्टेशन
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लोनी कलभोर और ससवड रोड की आगामी कनेक्टिविटी
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स्वच्छता और सुरक्षा में सुधार
सड़क से रेल पर बढ़ता शिफ्ट प्रदूषण घटाएगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाएगा।
मुख्य कार्यान्वयन विवरण
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प्रवर्तन अवधि: 5 वर्ष
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लागत: ₹9,857.85 करोड़
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निधिकरण: केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ
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कार्यान्वयन एजेंसी: महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो)
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टेक्नोलॉजी: ड्राइवरलेस ट्रेनें और आधुनिक CBTC सिस्टम—जो समयपालन, सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाएगा।
मेट्रो रिडरशिप अनुमान
कुल अपेक्षित दैनिक यात्री संख्या
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2028: 4.09 लाख
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2038: 6.98 लाख
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2048: 9.63 लाख
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2058: 11.74 लाख
लाइनवार रिडरशिप
लाइन 4: खराड़ी–खड़खवासला
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2028: 3.23 लाख
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2058: 9.33 लाख
लाइन 4A: नाल स्टॉप–वर्जे–माणिक बाग
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2028: 85,555
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2058: 2.41 लाख
ये आंकड़े बताते हैं कि आने वाले दशकों में ये मार्ग पुणे की शहरी यात्रा को पूरी तरह बदल देंगे।
पुणे के शहरी भविष्य के लिए महत्व
यह मंजूरी सिर्फ बुनियादी ढांचा नहीं है—यह स्मार्ट, टिकाऊ और भविष्य-उन्मुख शहरी विकास की दृष्टि है। बढ़ती आबादी, बढ़ते वाहन और प्रदूषण की चुनौतियों को देखते हुए यह विस्तार:
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लाखों यात्रियों का यात्रा समय घटाएगा
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निजी वाहनों पर निर्भरता कम करेगा
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नए और उपेक्षित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर समावेशी विकास बढ़ाएगा
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सड़क सुरक्षा में सुधार करेगा
इसके साथ ही पुणे मेट्रो 100 किमी नेटवर्क का आँकड़ा पार कर लेगी—जो इसे भारत के प्रमुख आधुनिक मेट्रो शहरों की श्रेणी में ले आएगा।
महत्वपूर्ण स्थिर तथ्य
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परियोजना का नाम: पुणे मेट्रो रेल परियोजना फेज-2
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कॉरिडोर: लाइन 4 (खराड़ी–खड़खवासला) और लाइन 4A (नाल स्टॉप–वर्जे–माणिक बाग)
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कुल लंबाई: 31.636 किमी
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स्टेशन: 28 (सभी एलिवेटेड)
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कुल लागत: ₹9,857.85 करोड़
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समयावधि: 5 वर्ष
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कार्यान्वयन एजेंसी: महा-मेट्रो
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निधिकरण: केंद्र सरकार + महाराष्ट्र सरकार + बाहरी एजेंसियाँ


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