केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे की भूमि को लंबे समय के लिये पट्टे पर देने की नीति के साथ-साथ अगले पांच वर्षों में 300 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भारतीय रेल को 300 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल के चालू होने के बाद माल ढ़ुलाई सेवाओं से कम से कम सालाना 30,000 करोड़ रुपये के बढ़े हुए राजस्व की उम्मीद है।
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इन 300 टर्मिनलों की स्थापना से 30,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 90,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। एक बार सभी टर्मिनलों के चालू होने के बाद रेलवे को लगभग 30,000 करोड़ रुपये का बढ़ा राजस्व मिलेगा। इससे भी बड़ी बात यह है कि इससे कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा। भूमि संशोधन से रेलवे की लैंड को लीज पर देने से सभी के लिए ज्यादा से ज्यादा कार्गो संबंधी सुविधाएं स्थापित करने के रास्ते खुलेंगे।
रेलवे के लिए अतिरिक्त कार्गो ट्रांसपोर्ट और माल ढुलाई बढ़ने से राजस्व पैदा करने में उनकी भागीदारी और बढ़ेगी। ल़ॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी। सरकार ने कहा कि इस कदम से माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने और उद्योग की लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने में मदद मिलेगी।