सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल में जान फूंकने के लिए केंद्र सरकार ने 1.64 लाख करोड़ रुपये की भारी भरकम पैकेज को स्वीकृति दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। पैकेज में से 44000 करोड़ रुपये नकदी के तौर पर कंपनी को उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि शेष बची 1.20 लाख करोड़ रुपये की राशि अगले चार वर्षों के दौरान मुहैया कराई जाएगी।
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मुख्य बिंन्दु
- दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के बारे में पत्रकारों को बताया कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी।
- बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा। साथ ही कंपनी इतनी ही राशि (33,000 करोड़ रुपये) के बैंक कर्ज के भुगतान के लिये बॉन्ड जारी करेगी।
- पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये का नकद हिस्सा शामिल है। पैकेज के तहत 1.2 लाख करोड़ रुपये गैर-नकद रूप में चार साल के दौरान दिए जाएंगे।
- मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) के विलय को भी मंजूरी दी है।
- 4जी सेवाओं की पेशकश के लिए बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। इसके तरह 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का आवंटन इक्विटी निवेश के जरिये किया जाएगा, जिसकी लागत 44,993 करोड़ रुपये होगी।
- सरकार 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक विकसित करने के लिए अगले चार साल के दौरान 22,471 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी।
- सरकार बीएसएनएल को 2014-15 से 2019-20 के दौरान व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए 13,789 करोड़ रुपये देगी।
- भारतनेट के तहत स्थापित बुनियादी ढांचे के व्यापक उपयोग के लिए बीबीएनएल का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा। भारतनेट के तहत बना बुनियादी ढांचा एक राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध होगा।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री: अश्विनी वैष्णव
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