केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ट्रिपल तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष अगस्त में एक फैसले में इसे अवैध और असंवैधानिक घोषित किया था.
इसे लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी लेकिन इसे राज्यसभा से मंजूरी नहीं मिली थी. हालांकि अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है, अभी के लिए, इसे संसद के समक्ष रखा जाना होगा और बिल को अभी भी पारित करने की आवश्यकता होगी. अध्यादेश में विवाह अधिनियम में मुस्लिम महिला संरक्षण अधिकारों के समान प्रावधान होंगे.
स्रोत- न्यूज़ ऑन एयर



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