जलियांवाला बाग नरसंहार, ‘खूनी वैशाखी’ के बारे में 100 वर्ष पुरानी क्लासिक पंजाबी कविता के अंग्रेजी अनुवाद वाली एक किताब अबू धाबी में जारी की गई है। यूएई में भारत के राजदूत नवदीप सिंह सूरी ने पुस्तक के लॉन्च की सराहना की।
इस कविता का अनुवाद श्री सूरी ने किया था, जिनके दादा, क्रांतिकारी कवि और उपन्यासकार नानक सिंह, जलियांवाला बाग के उत्तरजीवी थे, उन्होंने पहली बार 13 अप्रैल, 1919 की घटनाओं को देखने के बाद इसे लिखा था।
स्रोत : न्यूज़ ऑन एयर



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