भारत आधिकारिक रूप से यूरोपियन ऑर्गनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सीईआरएन) का एसोसिएट सदस्य बन गया है। यह संस्था दुनिया की सबसे बड़ी न्यूक्लियर एंड पार्टिकल फिज़िक्स प्रयोगशाला समझी जाती है। भारतीय वैज्ञानिकों ने सीईआरएन में लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर के निर्माण समेत कई खोजों में अहम भूमिका निभाई है। भारत को सदस्यता के लिए सालाना करीब 78 करोड़ रु खर्च करने होंगे।
स्रोत – home.cern