भारत में विकेंद्रीकृत पावर्लूम इकाइयों द्वारा सामना की जा रही बिजली कटौती और कमी की समस्या को कम करने के लिए सरकार ने सौर फोटो वोल्टेक (एसपीवी) संयंत्र की स्थापना के लिए, छोटे पावरलूम इकाइयों को वित्तीय सहायता या पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दी है.
सौर ऊर्जा योजना के तहत, संयंत्रों के पास दो विकल्प हैं :
ऑन-ग्रिड सोलर पावर प्लांट जहां बिजली कटौती/कमी नगण्य है और बिजली शुल्क उच्च है.
उन क्षेत्रों में ऑफ-ग्रिड सोलर पावर प्लांट जहां बिजली की कमी और ऑन-ग्रिड पावर निरंतर उपलब्ध नहीं है.
उन क्षेत्रों में ऑफ-ग्रिड सोलर पावर प्लांट जहां बिजली की कमी और ऑन-ग्रिड पावर निरंतर उपलब्ध नहीं है.
उपरोक्त समाचार से परीक्षा उपयोगी तथ्य :
- सौर सेल्स जिन्हें फोटोवोल्टिक (पीवी) सेल्स भी कहा जाता है, का प्रयोग सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है.
- पीवी को इसका नाम, प्रकाश (फोटॉनों) से बिजली (वोल्टेज) को परिवर्तित करने की प्रक्रिया से मिला है, जिसे पीवी प्रभाव कहा जाता है.
स्रोत – दि हिन्दू