कोलकाता, ‘सिटी ऑफ़ जॉय‘ हुगली नदी के नीचे अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन के रूप में एक आश्चर्य का अनुभव करने वाला है, यह भारत में एक अग्रणी परियोजनाओं में से एक है क्योंकि इससे पहले कभी भी किसी बहती नदी के नीचे एक सुरंग नहीं खोदी गयी है.
यह पूरी परियोजना 16.6 किमी लंबी है, जिसमें से 10.8 किमी जमीन के नीचे है. इस 10.8 किमी में से, 502 मीटर पानी के नीचे है.यह परियोजना पश्चिम में हावड़ा और पूर्व में साल्ट झील को जोड़ती है. 16.6 किमी के खंड में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से छह जमीन के नीचे होंगे,जबकि शेष छह स्टेशन ऊपर उठे होंगे.
यह पूरी परियोजना 16.6 किमी लंबी है, जिसमें से 10.8 किमी जमीन के नीचे है. इस 10.8 किमी में से, 502 मीटर पानी के नीचे है.यह परियोजना पश्चिम में हावड़ा और पूर्व में साल्ट झील को जोड़ती है. 16.6 किमी के खंड में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से छह जमीन के नीचे होंगे,जबकि शेष छह स्टेशन ऊपर उठे होंगे.
यह ट्रेन चालक रहित होगी. इस ट्रेन में लगभग 1 हजार यात्रियों को एक बार जाना होगा और इसमें छह वातानुकूलित कोच होंगे.60 करोड़ रुपये की लागत के साथ, इस परियोजना के दिसंबर 201 9 तक पूरा होने की उम्मीद है.
आईबीपीएस पीओ परीक्षा के लिए स्टेटिक तथ्य-
- कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सतीश कुमार हैं.
- हावड़ा ब्रिज कोलकाता, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुगली नदी पर एक निलंबित अवधि के साथ एक प्रवासी कैंटीलीवर पुल है.
स्रोत- हिंदुस्तान टाइम्स