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आरबीआई ने डूबत ऋणों के लिए नया फ्रेमवर्क जारी किया

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों की बढ़ती हुई गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) या डूबत ऋणों की समस्या को हल करने के लिए ‘संशोधित प्रांप्ट सुधार क्रिया (पीसीए-Prompt Corrective Action Framework) ढ़ांचा’ नामक प्रावधानों को सक्षम करने का एक नया सेट जारी किया है.

1 अप्रैल 2017 से प्रभावी हो चुके नए प्रावधानों का सेट मौजूदा पीसीए ढांचे का स्थान लेगा, और मार्च 2017 के अनुसार प्रत्येक बैंक की वित्तीय स्थिति पर आधारित है. 

संशोधित फ्रेमवर्क के अंतर्गत, यदि कोई बैंक जोखिम दहलीज के तीसरे स्तर को पार करता है (जहां एक बैंक की आम इक्विटी टियर 1 पूंजी 3.625 प्रतिशत की दहलीज से नीचे 3.125 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरती है) तो या तो इसका एकीकरण या विलय कर दिया जाएगा, या किसी दूसरी इकाई द्वारा अधिगृहीत कर लिया जायेगा.

उपरोक्त समाचार से परीक्षा उपयोगी तथ्य:
  • आरबीआई ने डूबत ऋणों के लिए नया फ्रेमवर्क ‘संशोधित प्रांप्ट सुधार क्रिया (पीसीए-Prompt Corrective Action Framework) ढ़ांचा’ जारी किया.
  • 1 अप्रैल 1935 को गठित आरबीआई का मुख्यालय मुंबई में है.
  • उर्जित पटेल आरबीआई के 24वें गवर्नर हैं.
  • बी पी कानूनगो, आरबीआई के नवनियुक्त डिप्टी गवर्नर है.

स्रोत – बिज़नेस स्टैण्डर्ड
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