भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बिजली के वाहनों के लिए कम लागत वाली लिथियम आयन बैटरी विकसित करने में मदद करने के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इसरो ने ऐसी बैटरियों के लिए एक बैकअप प्रतिबद्धता भी की है.
इस कदम से बैटरी जीवन के अंत में उत्पन्न कचरे के प्रबंधन पर चिंताओं का ख्याल रखना अपेक्षित है. एमओयू के अनुसार, भेल एक उत्पादन संयंत्र स्थापित करेगा, जबकि इसरो स्केल-अप, लागत अनुकूलन में संयुक्त प्रयास, वैकल्पिक रसायन विज्ञान और बैकबैक प्रतिबद्धता के लिए अनुसंधान और विकास के लिए समर्थन प्रदान करेगा.
भेल व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए बैटरी विकसित करेगा. यह लिथियम आयन बैटरी के उपयोग के साथ कम लागत वाले विद्युत वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारत की योजना का हिस्सा है.
उपरोक्त समाचार से परीक्षा उपयोगी तथ्य:–
- लिथियम आयन बैटरी के लिए इसरो-भेल ने करार किया.
- 1969 में स्थापित इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है.
- इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई हैं और इसके सीईओ अलुरु सीलिन किरण कुमार हैं.
स्रोत – दि हिन्दू



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