सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि ‘उपरोक्त में से कोई भी नहीं’ (NOTA) विकल्प राज्यसभा चुनावों में मतदान के लिए लागू नहीं होगा. यह निर्णय सीजेआई दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचुद समेत जस्टिस की एक बेंच ने किया.
बेंच ने कहा है कि नोटा विकल्प केवल सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार और प्रत्यक्ष चुनावों के लिए है, न कि राज्यसभा में किए गए एकल हस्तांतरणीय वोट के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा आयोजित चुनावों के लिए.
स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस