दिग्गज तकनीकी कंपनी इंफोसिस ने ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए पहली बार भारत में भी ‘इन्फीमेकर पुरस्कारों’ की घोषणा की. इंफोसिस यह पुरस्कार अपने इंफोसिस फाउंडेशन अमेरिका, की ओर से देती है जिसके अंतर्गत आम ज़िन्दगी को आसान बनाने में नई तकनीक का प्रयोग करने वाल 20 लोगों को पांच लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान करता है.
दिल्ली के छात्र अभिषेक मटलोटिया को नेत्रहीनों के साथ-साथ बधिरों के लिए भी अत्यंत लाभदायक एक वाकिंग स्टिक बनाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया. मटलोटिया के अलावा संदीप पाटिल, सौरभ अलगुंडगी एवं श्रेया गुदासलामनी ने भी कान से कम सुनने वालों की समस्या को दूर करते हुए तथा बहुत आसानी से बात कर सकें इसके लिए कम्युनिकेटिव ग्लोव सोल्यूशन डिवाइस ‘असिस्टयू’ बनाया है.
अब इस समाचार से संबंधित कुछ प्रश्नों की बात करते हैं :
1. ‘इन्फीमेकर पुरस्कार’ किस संस्थान द्वारा दिए गए ?
2. ‘इन्फीमेकर पुरस्कार’ किसलिए दिया जाता है ?
स्रोत-दैनिक जागरण