केंद्र ने रियल एस्टेट अधिनियम के लिए नियमों को अधिसूचित किया जिसमे पारदर्शिता लाने और परियोजनाओं को समय पर पूरा सुनिश्चित करने के अलावा आवास क्षेत्र को विनियमित करने का प्रयास है, जो पांच केंद्र शासित प्रदेशों-अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और लक्षद्वीप के लिए लागू होगा.
नियम के अनुसार एक डेवलपर को परियोजना में देरी के मामले में आवंटियों वापसी या मुआवजे का भुगतान उधार दर की भारतीय स्टेट बैंक के सर्वोच्च सीमांत लागत की ब्याज दर के साथ करना आवश्यक होगा.यह भी कहा गया है कि आवंटी को इस तरह का भुगतान 45 दिनों के भीतर दिया जाएगा.
Source- The Hindu