दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजर कंपनी ब्लैकरॉक (BlackRock) ने भारत के अडानी ग्रुप (Adani Group) द्वारा जारी किए गए 750 मिलियन डॉलर के प्राइवेट बॉन्ड को सब्सक्राइब किया है। इस डील में कई प्रमुख अमेरिकी और यूरोपीय निवेशकों ने भी भाग लिया है, जो अडानी समूह में निवेशकों के विश्वास की सतर्क लेकिन उल्लेखनीय वापसी को दर्शाता है। यह पूंजी अडानी की सहायक कंपनी रिन्यू एक्सिम (Renew Exim) को प्रदान की जाएगी, जो आईटीडी सिमेंटेशन (ITD Cementation) के अधिग्रहण में उपयोग की जाएगी। यह कदम भारत के तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अडानी की हिस्सेदारी को और मजबूत करेगा। यह डील उस समय हुई है जब अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी अमेरिका में 256 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी से जुड़े एक सौर ऊर्जा परियोजना घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
निवेशक भागीदारी (Investor Participation)
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ब्लैकरॉक (BlackRock) और कई अन्य अमेरिकी/यूरोपीय निवेशकों ने 750 मिलियन डॉलर के बॉन्ड सेल में भाग लिया।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्लैकरॉक ने कुल ऋण का लगभग एक-तिहाई हिस्सा खरीदा।
धन का उद्देश्य (Purpose of Funds)
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यह राशि रिन्यू एक्सिम (Renew Exim) द्वारा आईटीडी सिमेंटेशन (ITD Cementation), एक भारतीय निर्माण इंजीनियरिंग कंपनी, के अधिग्रहण के लिए उपयोग की जाएगी।
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उद्देश्य है भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर बूम का लाभ उठाना।
कानूनी संदर्भ (Legal Context)
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अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अडानी और अन्य पर 256 मिलियन डॉलर की रिश्वत देकर सौर परियोजनाओं को सुरक्षित करने का आरोप लगाया है।
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अडानी समूह ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताया है।
प्राइवेट प्लेसमेंट की ओर रुख (Shift to Private Placement)
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कानूनी अनिश्चितता के चलते अडानी समूह ने अगले 6 महीनों तक पब्लिक ऑफरिंग से बचते हुए प्राइवेट प्लेसमेंट का विकल्प चुना।
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अमेरिकी निवेशक वर्तमान में समूह की पूंजी का 15–18% हिस्सा रखते हैं।
अन्य निवेशकों की भागीदारी (Other Investor Activity)
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यूके की सोना एसेट मैनेजमेंट (Sona Asset Management) ने भी बॉन्ड सेल में भाग लिया।
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जेफरीज (Jefferies) और जेपी मॉर्गन (JPMorgan) ने विवादों के बावजूद अडानी समूह के साथ अपने संबंध बनाए रखे हैं।
अडानी समूह की वित्तीय गतिविधियाँ (Financial Moves by Adani Group)
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अडानी ग्रीन एनर्जी ने आरोपों के बाद 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड सेल को निलंबित कर दिया।
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हाल ही में समूह ने 1.1 बिलियन डॉलर का ऋण रिफाइनेंस किया और नॉन-डील रोडशो आयोजित किए।
नियामकीय अनिश्चितता (Regulatory Uncertainty)
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ट्रंप प्रशासन द्वारा FCPA (Foreign Corrupt Practices Act) के प्रवर्तन पर रोक से केस पर असर पड़ सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक स्पष्टता नहीं आती, अमेरिकी बैंक समूह से दूरी बनाए रख सकते हैं।
ऐतिहासिक संदर्भ (Historical Context)
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यह अडानी समूह के लिए 2023 के हिंडनबर्ग रिसर्च के धोखाधड़ी और हेराफेरी के आरोपों के बाद दूसरा बड़ा विवाद है।
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अडानी ने कहा है कि ऐसे आरोप समूह को और “मजबूत” बनाते हैं।
सारांश/स्थैतिक जानकारी | विवरण |
समाचार में क्यों? | ब्लैकरॉक ने अडानी के $750 मिलियन के प्राइवेट बॉन्ड इश्यू का समर्थन किया |
बॉन्ड मूल्य | $750 मिलियन |
मुख्य निवेशक | ब्लैकरॉक (लगभग 1/3 बॉन्ड खरीदा) |
अन्य निवेशक | सोना एसेट मैनेजमेंट, जेफरीज, जेपी मॉर्गन |
लाभार्थी कंपनी | अडानी की रिन्यू एक्सिम |
धन का उद्देश्य | ITD सिमेंटेशन का अधिग्रहण |
कानूनी अड़चन | $256 मिलियन रिश्वत आरोप (नवंबर 2024 में अमेरिकी अभियोग) |
पब्लिक बनाम प्राइवेट | कानूनी जांच के कारण सार्वजनिक निर्गम के बजाय प्राइवेट प्लेसमेंट को प्राथमिकता |