बिरसा मुंडा जयंती हर वर्ष भारत के महानतम आदिवासी नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक की स्मृति में मनाई जाती है। 2025 में यह दिन और भी विशेष है, क्योंकि यह उनके जीवन और विरासत से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उत्सव उनके आदिवासी अधिकारों की लड़ाई, भूमि संरक्षण और अपने समाज के उत्थान के लिए किए गए संघर्ष को याद करता है। देशभर में लोग उनकी वीरता, समर्पण और भारतीय इतिहास पर उनके गहरे प्रभाव को श्रद्धांजलि देते हैं।
बिरसा मुंडा जयंती 2025
15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती मनाई जाती है। 2025 का यह आयोजन अत्यंत खास है क्योंकि यह बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती है। इस दिन उनकी आदिवासी भूमि, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए किए गए संघर्ष को याद किया जाता है।
देशभर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ, और समुदाय आधारित आयोजन आयोजित किए जाते हैं, ताकि आदिवासी धरोहर का सम्मान हो और युवा पीढ़ी प्रेरित हो।
बिरसा मुंडा जयंती 2025 का महत्व
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वर्ष 2025 में बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती मनाई जा रही है।
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इसको सम्मान देने के लिए सरकार जनजातीय गौरव वर्ष मना रही है।
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1 से 15 नवंबर तक विशेष जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ और सामुदायिक गतिविधियाँ शामिल हैं।
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गुजरात के देडियापाड़ा में एक बड़ा राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे।
जनजातीय गौरव दिवस
15 नवंबर को आधिकारिक रूप से जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया गया है ताकि आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिले।
देशभर के स्कूल, कॉलेज, संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र आदिवासी परंपराओं, कला और गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
सरकार के आदिवासी विकास प्रयास
PM-JANMAN अभियान
यह कार्यक्रम विशेष रूप से PVTGs (अत्यंत संवेदनशील जनजातीय समूहों) के समर्थन के लिए है। इसमें
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आवास निर्माण
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मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयाँ
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ग्रामीण सेवाओं में सुधार
जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।
DAJGUA योजना
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य हजारों आदिवासी गाँवों में
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बुनियादी सुविधाएँ
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रोजगार
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कौशल प्रशिक्षण
प्रदान करना है, ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सकें और पलायन कम हो।
वनबंधु कल्याण योजना
गुजरात की इस प्रमुख योजना को बड़े निवेश के साथ आगे बढ़ाया गया है, जिससे शिक्षा, आजीविका और समग्र विकास को बढ़ावा मिलता है।
विशेष जारी
150वीं जयंती के अवसर पर सरकार द्वारा
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स्मारक सिक्का
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डाक टिकट
जारी किए जाएंगे।
बिरसा मुंडा और उल्गुलान आंदोलन
बिरसा मुंडा उल्गुलान नामक जनआंदोलन के नेतृत्व के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं।
उन्होंने उन ब्रिटिश कानूनों के खिलाफ संघर्ष किया, जिनसे आदिवासी भूमि छीनी जा रही थी और जंगलों पर उनके अधिकार सीमित किए जा रहे थे।
यह आंदोलन छोटानागपुर क्षेत्र में शुरू हुआ और
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स्वशासन
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भूमि सुरक्षा
की मांग पर आधारित था।
उनके प्रयासों के फलस्वरूप छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (1908) लागू हुआ, जो आज भी आदिवासी भूमि अधिकारों की रक्षा करता है।
भारतभर में सांस्कृतिक कार्यक्रम
जनजातीय गौरव यात्रा
गुजरात में एक विशाल सांस्कृतिक यात्रा निकाली जा रही है, जो विभिन्न आदिवासी जिलों से होकर गुजर रही है। इसमें
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आदिवासी नृत्य
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हस्तशिल्प
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कलाओं
का प्रदर्शन किया जा रहा है।
शैक्षणिक गतिविधियाँ
Eklavya स्कूल और Tribal Research Institutes निबंध प्रतियोगिताएँ, कला प्रतियोगिताएँ, कहानी सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
सामुदायिक कार्यक्रम
सिक्किम, अंडमान-निकोबार समेत कई राज्यों में
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खेल प्रतियोगिताएँ
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आदिवासी मेले
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शिल्प प्रदर्शनियाँ आयोजित की जा रही हैं।
बिरसा मुंडा को समर्पित स्मारक और परियोजनाएँ
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संग्रहालय और अनुसंधान केंद्र:
आदिवासी इतिहास के संरक्षण और शिक्षा के लिए नए Tribal Freedom Fighter Museums और Tribal Research Institutes विकसित किए जा रहे हैं। -
बिरसा मुंडा गौरव उपवन:
आदिवासी क्षेत्रों में विशेष हरित क्षेत्र और स्मृति उपवन बनाए जा रहे हैं, ताकि बिरसा मुंडा की विरासत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले।


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