टेलीकॉम ऑपरेटर, भारती एयरटेल लिमिटेड (Bharti Airtel Ltd) ने घोषणा की है कि वह दक्षिण पूर्व एशिया-मध्य पूर्व-पश्चिमी यूरोप 6 (SEA-ME-WE-6) अंडरसी केबल कंसोर्टियम (undersea cable consortium) में शामिल हो गई है, ताकि इसकी उच्च गति वाली वैश्विक नेटवर्क क्षमता को बढ़ाया जा सके और भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को सेवा प्रदान की जा सके। यह केबल सिस्टम में कुल निवेश का 20 प्रतिशत एंकरिंग करेगा। एसईए-एमई-डब्ल्यूई-6 के जरिए एयरटेल अपने वैश्विक नेटवर्क में 100 टीबीपीएस क्षमता जोड़ सकेगा। टेल्को भारत में SEA-ME-WE-6 केबल सिस्टम को मुंबई और चेन्नई में नए लैंडिंग स्टेशनों पर उतारेगी। एयरटेल के अलावा, कंसोर्टियम में 12 अन्य वैश्विक सदस्य हैं।
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सी-मी-वी 6 क्या है?
- SEA-ME-WE 6 दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिमी यूरोप के बीच दूरसंचार को ले जाने के लिए एक प्रस्तावित ऑप्टिकल फाइबर पनडुब्बी संचार केबल प्रणाली है।
- SEA-ME-WE-6 19,200 किमी का नेटवर्क है, जो सिंगापुर से फ्रांस तक चलेगा।
- इसकी बैंडविड्थ 120 टीबीपीएस होगी
- सिस्टम 2025 में लाइव होने वाला है।
- एक बार चालू होने के बाद, यह विश्व स्तर पर सबसे बड़े अंडरसी केबल सिस्टम में से एक होगा।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- भारती एयरटेल के सीईओ: गोपाल विट्टल;
- भारती एयरटेल संस्थापक: सुनील भारती मित्तल;
- भारती एयरटेल की स्थापना: 7 जुलाई 1995।