देश की पहली नेजल वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत बायोटेक द्वारा कोरोना के लिए बनाई गई देश की पहली नेजल वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। यह भारत का कोविड-19 वायरस के लिए पहला नाक से दिया जाने वाला टीका होगा।
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नेजल वैक्सीन कैसे काम करती है?
नेजल स्प्रे वैक्सीन को इंजेक्शन की बजाय नाक से दिया जाता है। यह नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार करती है। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है और उसके अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है।