दो साल के पायलट प्रोजेक्ट के लिए अयोध्या शहर का चयन किया गया है जिसका उद्देश्य कचरे से बायोडीजल उत्पादित करना है। बेल्जियम स्थित कंपनी वीटो की उम्मीद है कि वे जल्द ही अयोध्या में इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, यह कंपनी साफ तकनीक और विकास के लिए ध्यान केंद्रित करती है और प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर चुकी है।
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अयोध्या में बायोडीजल परियोजना: ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु:
- बेल्जियम स्थित विटो कंपनी भारत के अयोध्या में कचरे से बायोडीजल उत्पादित करने के लिए दो साल के पायलट परियोजना को शुरू करने जा रही है।
- प्रोजेक्ट शुरू में एक टन प्लास्टिक कचरे का उपयोग बायोडीजल उत्पादन के लिए किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, कंपनी पहले से ही प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
- विटो के अधिकारियों ने अयोध्या प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की और अयोध्या नगर निगम के अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला भी आयोजित की है।
- इस प्रोजेक्ट में कंपनी कॉर्पोरेशन की मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी का उपयोग करेगी ताकि वह खुद की फेसिलिटी स्थापित कर सके।
- अयोध्या इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है क्योंकि जनवरी 2022 में राम मंदिर के खुलने के बाद भक्तों की भीड़ में कचरे की उत्पत्ति में बढ़ोतरी की जानी है।
- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हर महीने कई लाख भक्तों के आगमन का अनुमान लगाया है, जो अधिक कचरे की उत्पत्ति करेंगे और कॉर्पोरेशन के लिए एक बड़ी कचरे की निस्तारण समस्या पैदा करेंगे।
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