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राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2025: इतिहास और महत्व

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत जमीनी स्तर पर अपने नागरिकों को सशक्त बनाने में विश्वास रखता है। इस सशक्तिकरण का एक प्रमुख माध्यम है पंचायती राज प्रणाली, जो समावेशी ग्रामीण विकास को सुनिश्चित करती है और स्थानीय स्वशासन को प्रोत्साहित करती है। इसकी महत्ता को मान्यता देने के लिए हर वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2025 एक और महत्वपूर्ण अवसर बन गया है, क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार की यात्रा करेंगे, जहां वे इस अवसर पर प्रमुख विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और उत्कृष्ट पंचायतों को सम्मानित करेंगे।

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2025 – प्रमुख विशेषताएँ

इतिहास और पृष्ठभूमि

  • तिथि: प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को मनाया जाता है।

  • प्रथम आयोजन: वर्ष 2010 में, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा घोषित।

  • प्रारंभ: 1993 में 73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू होने की स्मृति में।

  • उद्देश्य: पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा मिलने का उत्सव मनाना और जमीनी स्तर पर शासन में उनकी भूमिका को प्रोत्साहित करना।

73वां संविधान संशोधन – मुख्य प्रावधान

  • तीर-स्तरीय व्यवस्था:

    • ग्राम पंचायत (गांव स्तर)

    • पंचायत समिति (ब्लॉक स्तर)

    • जिला परिषद (जिला स्तर)

  • आरक्षण: महिलाओं, अनुसूचित जातियों (SCs) और अनुसूचित जनजातियों (STs) के लिए।

  • नियमित चुनाव: हर 5 वर्षों में।

  • वित्तीय स्वायत्तता: संसाधन जुटाने की शक्ति।

  • आयोगों की स्थापना:

    • राज्य वित्त आयोग

    • राज्य चुनाव आयोग

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उद्देश्य

  • स्थानीय स्वशासन संरचनाओं को सशक्त बनाना।

  • ग्रामीण विकास में पंचायतों के योगदान का उत्सव।

  • लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण पर जागरूकता बढ़ाना।

  • पंचायत प्रतिनिधियों को प्रेरित करना और सम्मानित करना।

डिजिटल युग में पंचायती राज

  • प्रमुख पहल:

    • e-पंचायत परियोजना

    • स्वामित्व योजना (SVAMITVA)

  • मुख्य लक्ष्य: पारदर्शिता, वास्तविक समय की शासन व्यवस्था, और ग्रामीण भारत का डिजिटल सशक्तिकरण।

  • भविष्य की भूमिका: ग्रामीण शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और रोजगार में योगदान।

उत्सव की गतिविधियाँ

  • आयोजनकर्ता: पंचायती राज मंत्रालय

  • प्रमुख कार्यक्रम:

    • पुरस्कार वितरण (जैसे: नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार)

    • ग्रामीण मुद्दों पर कार्यशालाएं और सेमिनार

    • डिजिटल पंचायत प्लेटफॉर्म्स का प्रचार

प्रधानमंत्री मोदी की बिहार यात्रा – 24 अप्रैल 2025

सुरक्षा व्यवस्था

  • जम्मू-कश्मीर में हाल की आतंकी घटनाओं को देखते हुए बिहार भर में सुरक्षा सख्त।

कार्यक्रम स्थल और भागीदारी

  • स्थान: मधुबनी, बिहार

  • अवसर: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

  • प्रमुख गतिविधियाँ:

    • जनसभा को संबोधन

    • राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों का वितरण

लॉन्च / उद्घाटन की गई विकास परियोजनाएँ

  • कुल मूल्य: ₹13,480 करोड़ से अधिक

  • एलपीजी संयंत्र: हथुआ (गोपालगंज) – ₹340 करोड़

  • विद्युत परियोजनाएँ:

    • ₹1,170 करोड़ (शिलान्यास)

    • ₹5,030 करोड़ (उद्घाटन)

  • रेल कनेक्टिविटी:

    • अमृत भारत एक्सप्रेस (सहरसा से मुंबई)

    • नमो भारत रैपिड रेल (जयनगर से पटना)

    • नई ट्रेन रूट्स और रेल लाइनों का उद्घाटन (जैसे: सुपौल–पिपरा, हसनपुर–बिथान)

  • कल्याणकारी पहल:

    • ₹930 करोड़ का वितरण – 2 लाख स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को (DAY-NRLM के अंतर्गत)

    • 15 लाख PMAY-ग्रामीण लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र

    • 10 लाख लाभार्थियों को किस्तें वितरित

    • 1 लाख PMAY-G और 54,000 PMAY-U घरों के लिए गृह प्रवेश की चाबियाँ सौंपी गईं

यह आयोजन भारत के ग्रामीण शासन मॉडल को डिजिटल, समावेशी और सशक्त दिशा में अग्रसर करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

सारांश / स्थिर जानकारी विवरण
समाचार में क्यों? राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2025 और प्रधानमंत्री मोदी की बिहार यात्रा
घटना राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस
तारीख 24 अप्रैल 2025
घोषणा (वर्ष 2010 में) प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा
संवैधानिक आधार 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1993
मुख्य प्रावधान तीन-स्तरीय प्रणाली, आरक्षण, वित्तीय स्वायत्तता, नियमित चुनाव, वित्त एवं चुनाव आयोग
उत्सव का फोकस पंचायत पुरस्कार, ग्रामीण विकास पर चर्चा, डिजिटल शासन का प्रचार
प्रधानमंत्री की यात्रा स्थल मधुबनी, बिहार
परियोजनाओं का उद्घाटन एलपीजी संयंत्र, विद्युत परियोजनाएं, रेलवे परियोजनाएं
मुख्य योजनाएँ प्रमुखता में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी), दीनदयाल अंत्योदय योजना (DAY-NRLM)
सुरक्षा परिप्रेक्ष्य जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के चलते सुरक्षा व्यवस्था सख्त
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2025: इतिहास और महत्व |_3.1