भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, बैंकों को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC)और वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन(SARFAESI) अधिनियम में संशोधन की मदद द्वारा तनावग्रस्त संपत्ति की वसूली में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
मार्च 2018 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में, बैंकों ने डूबंत ऋणों की 40,400 करोड़ रुपये की वसूली की, जबकि वित्त वर्ष 2017 में 38,500 करोड़ रुपये वसूले गए. जिन विभिन्न चैनलों के माध्यम से ऋणदाताओं ने अपने डूबंत ऋणों को वापस प्राप्त किया, उनमें इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC), SARFAESI अधिनियम, ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) और लोक अदालत शामिल हैं.
RBI ने 2017-18 में ट्रेंड्स एंड प्रोग्रेस ऑफ़ बैंकिंग पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 18 में बैंकों ने IBC के माध्यम से 4,900 करोड़ रुपये के डूबंत ऋणों की वसूली की, जबकि SARFAESI के माध्यम से वसूली गई राशि 26,500 करोड़ रुपये थी.
सोर्स- द इकोनॉमिक टाइम्स
उपरोक्त समाचार से IBPS Clerk Mains परीक्षा 2018 के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास, मुख्यालय: मुंबई, स्थापना: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता.