साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार 2025 की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है, जिसमें 24 भारतीय भाषाओं के बाल साहित्य लेखकों की सृजनात्मक प्रतिभा को सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार 14 नवम्बर 2025 (बाल दिवस) को त्रिवेणी सभागार, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रदान किए जाएंगे। यह आयोजन अकादेमी की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके माध्यम से वह भारतीय संस्कृति से जुड़ी विविधतापूर्ण कहानियों और रचनात्मक लेखन को प्रोत्साहित करते हुए नवोदित पाठकों के लिए समृद्ध साहित्यिक परंपरा को आगे बढ़ा रही है।
बाल साहित्य पुरस्कार 2025 समारोह की मुख्य झलकियाँ
इस वर्ष का पुरस्कार समारोह साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष मधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित होगा। कार्यक्रम में प्रसिद्ध गुजराती लेखिका वर्षा दास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी, जबकि अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगी। स्वागत भाषण पल्लवी प्रशांत होलकर, सचिव, साहित्य अकादेमी द्वारा दिया जाएगा।
प्रत्येक पुरस्कार विजेता को ₹50,000 की नकद राशि और कांस्य की पट्टिका (ब्रॉन्ज प्लाक) प्रदान की जाएगी, जो उनके द्वारा अपनी-अपनी भाषाओं में बाल साहित्य को समृद्ध बनाने में किए गए उत्कृष्ट योगदान की सराहना के रूप में दी जाएगी।
बाल साहित्य पुरस्कार 2025: भाषा के अनुसार विजेताओं की पूरी सूची
- असमिया – मैनाहंतार पद्य (कविता), सुरेंद्र मोहन दास
- बांग्ला – एखोनो गए कांता दये (कहानियां), त्रिदीब कुमार चट्टोपाध्याय
- बोडो – खांथी ब्वस्वन अर्व अखु दनाई (कहानियां), बिनय कुमार ब्रह्मा
- डोगरी – नन्हीं तोर (कविता), पी.एल. परिहार ‘शौक’
- अंग्रेजी – दक्षिण: दक्षिण भारतीय मिथक और दंतकथाएं (कहानियां), नितिन कुशलप्पा एमपी
- गुजराती – तिनचक (कविता), कीर्तिदा ब्रह्मभट्ट
- हिंदी – एक बटे बारह (नॉन-फिक्शन और संस्मरण), सुशील शुक्ला
- कन्नड़ – नोटबुक (लघु कथाएँ), के. शिवलिंगप्पा हंडीहाल
- कश्मीरी – शुरे ते त्चुरे ग्युश (लघु कथाएँ), इज़हार मुबाशिर
- कोंकणी – बेलाबाईचो शंकर अनी वारिस कान्यो (कहानियां), नयना अदारकर
- मैथिली – चुक्का (लघु कथाएँ), मुन्नी कामत
- मलयालम – पेंगुइनुकालुडे वंकाराविल (उपन्यास), श्रीजीत मूथेदथ
- मणिपुरी – अंगांगशिंग-जी शन्नाबुंगशिदा (नाटक), शांतो एम।
- मराठी – अभयमाया (कविता), सुरेश गोविंदराव सावंत
- नेपाली – शांति वन (उपन्यास), संगमू लेप्चा
- उड़िया – केते फुला फूटिची (कविता), राजकिशोर परही
- पंजाबी – जड्डू पत्ता (उपन्यास), पाली खादिम (अमृत पाल सिंह)
- राजस्थानी – पंखेरुव नी पीड़ा (नाटक), भोगीलाल पाटीदार
- संस्कृत – बलविस्वम (कविता), प्रीति आर. पुजारा
- संथाली – सोना मिरू-अग सन्देश (कविता), हरलाल मुर्मू
- सिंधी – आसमानी परी (कविता), हीना अगनानी ‘हीर’
- तमिल – ओट्टराय सिरागु ओविया (उपन्यास), विष्णुपुरम सर्वानन
- तेलुगु – काबुरला देवता (कहानी), गंगीसेट्टी शिवकुमार
- उर्दू – कौमी सितारे (लेख), ग़ज़नफ़र इक़बाल
पुरस्कार विजेताओं की बैठक: साहित्यिक चिंतन
पुरस्कार समारोह के पश्चात 15 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली के रवीन्द्र भवन सभागार, फिरोजशाह रोड में “पुरस्कार विजेताओं की बैठक” आयोजित की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा करेंगी। यह मंच पुरस्कार विजेताओं को अपने रचनात्मक सफर, प्रेरणा स्रोतों और साहित्यिक योगदानों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा।
महत्व: विविधता और सांस्कृतिक शिक्षा का संवर्द्धन
बाल साहित्य पुरस्कार का उद्देश्य है—
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क्षेत्रीय भाषाओं के लेखकों को पहचान और सम्मान देना,
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भारतीय संस्कृति से जुड़ा बाल साहित्य प्रोत्साहित करना,
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साहित्यिक विविधता और बहुभाषिकता को बढ़ावा देना,
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बाल पाठकों और नवोदित लेखकों को प्रेरित करना।
यह वार्षिक पहल नई पीढ़ी के लिए शिक्षा, संस्कार और कल्पनाशक्ति में साहित्य की भूमिका को और सशक्त बनाती है।
स्थिर तथ्य (Static Facts)
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पुरस्कार का नाम: बाल साहित्य पुरस्कार 2025
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प्रदाता संस्था: साहित्य अकादेमी
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पुरस्कार समारोह की तिथि: 14 नवम्बर 2025
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स्थल: त्रिवेणी सभागार, तानसेन मार्ग, नई दिल्ली
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पुरस्कार राशि: ₹50,000 + कांस्य पट्टिका
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सम्मानित भाषाएँ: 24 भारतीय भाषाएँ
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मुख्य अतिथि: वर्षा दास (गुजराती लेखिका)
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अध्यक्षता: मधव कौशिक (अध्यक्ष, साहित्य अकादेमी)
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पुरस्कार विजेताओं की बैठक: 15 नवम्बर 2025, रवीन्द्र भवन, नई दिल्ली
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उद्देश्य: बाल साहित्य में उत्कृष्ट योगदान का सम्मान


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