प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिज़ोरम में बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन परियोजना का उद्घाटन करेंगे। लगभग ₹8,000 करोड़ की लागत से बनी यह परियोजना ऐतिहासिक उपलब्धि है क्योंकि इससे राज्य की राजधानी आइज़ोल को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
बैराबी–सैरांग रेलवे परियोजना : मुख्य तथ्य
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लंबाई: 51 किलोमीटर
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लागत: ₹8,000 करोड़
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संपर्क मार्ग: बैराबी (असम–मिज़ोरम सीमा के पास) से सैरांग (आइज़ोल से 20 किमी दूर) तक
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महत्त्व: पहली बार आइज़ोल को रेलवे से जोड़ना
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चौथी राजधानी: आइज़ोल अब गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद चौथी पूर्वोत्तर राजधानी बनेगी जो रेल नेटवर्क से जुड़ी है।
यह परियोजना यात्रा समय और माल ढुलाई लागत को कम करेगी, जिससे वस्तुओं का परिवहन आसान और किफायती होगा।
आर्थिक एवं रणनीतिक महत्व
पूर्व जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह ने इस रेलवे परियोजना को महत्वाकांक्षी और मिज़ोरम के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
लाभ:
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यात्रा व माल ढुलाई लागत में कमी
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मिज़ोरम में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा
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निर्माण और संबंधित सेवाओं से रोजगार सृजन
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मुख्यभूमि भारत से बेहतर संपर्क
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पूर्वोत्तर क्षेत्रीय एकीकरण को मजबूती
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मिज़ोरम के कृषि एवं बागवानी उत्पादों के बाज़ार तक पहुँच आसान
नई ट्रेन सेवाएँ
उद्घाटन के साथ प्रधानमंत्री तीन नई ट्रेन सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाएँगे:
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आइज़ोल (सैरांग) – दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस
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सैरांग – कोलकाता एक्सप्रेस
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सैरांग – गुवाहाटी एक्सप्रेस
ये रेल सेवाएँ मिज़ोरम को भारत के प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्रों से जोड़ेंगी।
राष्ट्रीय संपर्क पहल
यह परियोजना सरकार के उस व्यापक विज़न का हिस्सा है जिसमें पूर्वोत्तर की सभी राजधानियों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है।
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भविष्य में इंफाल (मणिपुर) और शिलांग (मेघालय) को भी रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना है।
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उद्देश्य है पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जोड़ना।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
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परियोजना का नाम: बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन
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लंबाई: 51 किमी
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लागत: ₹8,000 करोड़
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उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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तारीख: 13 सितंबर 2025
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महत्त्व: मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल को पहली बार रेल से जोड़ा गया
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चौथी राजधानी: गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद आइज़ोल


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