ऑस्ट्रेलिया ने अपनी राष्ट्रीय उत्सर्जन कटौती लक्ष्य में बड़ा बदलाव करते हुए अब 2005 के स्तर की तुलना में 2035 तक 62% उत्सर्जन कम करने का ऐलान किया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने की। यह पहले के 2030 तक 43% कटौती लक्ष्य से काफी अधिक है। यह निर्णय पेरिस जलवायु समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया की जिम्मेदारियों के अनुरूप है और बढ़ती जलवायु आपदाओं—जैसे भीषण आग, सूखा और समुद्री तटों पर बाढ़—की आशंका को देखते हुए उठाया गया है।
पृष्ठभूमि: ऑस्ट्रेलिया की जलवायु प्रतिबद्धताएँ
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पुराना लक्ष्य (2030): 2005 के स्तर से 43% उत्सर्जन में कटौती।
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पेरिस समझौता: एक हस्ताक्षरकर्ता के रूप में ऑस्ट्रेलिया को अपने राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (NDCs) पेश करने और समय-समय पर महत्वाकांक्षा बढ़ाने की बाध्यता है।
नया 2035 लक्ष्य
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लक्ष्य: 62% उत्सर्जन में कटौती।
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आधार वर्ष: 2005।
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घोषणा: प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ द्वारा।
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सिफारिश: क्लाइमेट चेंज अथॉरिटी ने 62–70% की कमी का सुझाव दिया था।
यह बदलाव क्यों अहम है
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वैश्विक दबाव और घरेलू हकीकतें:
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ऑस्ट्रेलिया लंबे समय से प्रति व्यक्ति उच्चतम कार्बन उत्सर्जकों में से एक रहा है।
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कोयला और जीवाश्म ईंधनों पर इसकी निर्भरता वैश्विक लक्ष्यों के विपरीत रही है।
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नया लक्ष्य डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में गंभीर प्रतिबद्धता का संकेत है।
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जलवायु जोखिम मूल्यांकन:
सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में भविष्य की चेतावनी दी गई है कि ऑस्ट्रेलिया को सामना करना पड़ेगा—-
अधिक बार और भीषण जंगल की आग।
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लम्बे समय तक चलने वाले सूखे।
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समुद्र स्तर में वृद्धि और तटीय क्षेत्रों में बाढ़।
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कृषि, जैव विविधता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव।
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स्थिर तथ्य (परीक्षा हेतु)
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नया लक्ष्य: 2035 तक 62% उत्सर्जन में कटौती।
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आधार वर्ष: 2005।
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पुराना लक्ष्य: 2030 तक 43%।
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घोषक: प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़।
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सिफारिश: क्लाइमेट चेंज अथॉरिटी।
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वैश्विक ढाँचा: पेरिस जलवायु समझौता।


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