युवाओं को भविष्य की तकनीक तक पहुंच सुनिश्चित करने और खोज के लिए सशक्त बनाने के लिए फ्रंटियर टेक्नोलॉजी लैब का गठन होगा। यह लैब अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग और मेटा मिलकर तैयार करेंगे। मेटा और अटल इनोवेशन मिशन देश के सामरिक महत्व के स्कूलों में फ्रंटियर टेक्नोलॉजी लैब का गठन करेगा, ताकि देश के सभी क्षेत्र के बच्चों को भावी तकनीक सीखने और समझने का समान मौका मिल सके।
अब तक अटल इनोवेशन मिशन के तहत देश के 722 जिलों के 10 हजार स्कूलों में 10 हजार अटल टिंकरिंग लैब का गठन किया जा चुका है। इस मिशन का मकसद बच्चों में जिज्ञासा, क्रिएटिविटी और सोच का विकास करना है। फ्रंटियर टेक्नोलॉजी लैब अटल टिंकरिंग लैब का आधुनिक रूप है। इस लैब में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा। जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स, थ्रीडी प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन की सुविधा उपलब्ध होगी।
ग्लोबल इकोनॉमी को बढ़ाने में मदद
सरकार का मानना है कि तकनीक और ग्लोबल इकोनॉमी को बढ़ाने में यह लैब मददगार साबित हो सकता है। फ्रंटियर टेक्नोलॉजी लैब को वित्तीय मदद मेटा और अटल इनोवेशन मिशन के द्वारा किया जायेगा। इसके लिए वर्कशॉप, सेमिनार, प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा बच्चों को दिया जायेगा। बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करने, साइबर सिक्योरिटी के भावी खतरे और अन्य तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही नयी तकनीक विकसित करने में मेटा छात्रों को जरूरी सुविधा मुहैया कराएगा।
भावी तकनीक के विकास करने में मदद
अटल इनोवेशन मिशन के निदेशक चिंतन वैष्णव ने कहा कि इस समझौते से देश के बच्चों में भावी तकनीक के विकास करने में मदद मिलेगी और देश तकनीक के क्षेत्र में तेज गति से प्रगति कर सकेगा। फ्रंटियर लैब इनोवेशन का केंद्र बनेगा और छात्रों को अपना भविष्य गढ़ने में मदद करेगा।