भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में अटल ऊष्मायन केंद्र (AIC) ने वाणिज्यिक उत्पादों में नई तकनीकों के ऊष्मायन के लिए MSMEs के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। अनुसंधान प्रयोगशालाओं से बाजार में उत्पादों के रूपांतरण में तेजी लाने के लिए BARC में AIC के लॉन्च के उपलक्ष्य में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे।
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समझौतों पर हस्ताक्षर क्यों किए जाते हैं:
इनक्यूबेशन समझौतों पर विशेष रूप से नेट ज़ीरो (कार्बन तटस्थता) प्राप्त करने की भारत की वैश्विक प्रतिबद्धताओं के साथ संरेखित प्रौद्योगिकियों के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं, जैसे कि सुरक्षित पेयजल तक पहुंच, और देश में उन्नत और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल के लिए संभावित आयात विकल्पों की वृद्धि।
इसका महत्व:
AIC-BARC के ढांचे के अनुसार, BARC के वैज्ञानिक DAE प्रौद्योगिकियों की मदद से बाजार के लिए तैयार उत्पादों के विकास और सुधार के लिए इनक्यूबेटी उद्योगों को सलाह देंगे। विकास कार्यों के लिए, इनक्यूबेटी उद्योग BARC में उन्नत प्रयोगशालाओं तक पहुँचने में सक्षम होंगे।
अटल इन्क्यूबेशन सेंटर
अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (Atal Incubation Centers) की स्थापना मुख्य रूप से विनिर्माण (Manufacturing), परिवहन (Transportation), ऊर्जा (Energy), स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (Education), कृषि (Agriculture), जल (Water) एवं स्वच्छता (Sanity) आदि क्षेत्रों को विकसित करने के लिए की गई है। AIC भारत में स्टार्ट-अप और उद्यमियों के लिये एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हुए नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के लिये AIM और नीति आयोग की एक पहल है।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र:
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित भारत की प्रमुख परमाणु अनुसंधान केंद्र है एवं इसकी स्थापना 19 दिसंबर,1945 को की गई थी। यह एक बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान केंद्र है जिसमें उन्नत अनुसंधान और विकास के लिये व्यापक बुनियादी ढाँचा उपलब्ध है। इसका प्रमुख उद्देश्य परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण अनुप्रयोगों के माध्यम से विदयुत उत्पादन करना है। 15 अप्रैल, 1948 को परमाणु ऊर्जा अधिनियम पारित किया गया तथा 10 अगस्त, 1948 को परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना की गई।