जानें क्या है पॉलीगैमी बिल? असम में बिल पास

असम विधानसभा ने असम प्रोहिबिशन ऑफ़ पॉलीगैमी बिल, 2025 पारित कर दिया है, जिससे यह बहुविवाह (बिना पहली शादी का कानूनी रूप से निरस्त किए दूसरी शादी करना) पर कठोरतम प्रतिबंध लगाने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। यह कानून महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा, विवाह में जवाबदेही सुनिश्चित करने और सामाजिक–कानूनी मानकों के अनुरूप सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पृष्ठभूमि और विधायी संदर्भ

विधेयक शीतकालीन सत्र में पेश किया गया था। यह राज्य सरकार के व्यापक नागरिक सुधार एजेंडा, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने से प्रेरित है।
राज्यव्यापी परामर्श और एक विशेष समिति द्वारा की गई कानूनी समीक्षा में पाया गया कि बहुविवाह की प्रथा खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करती है।

असम पहले ही समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने में रुचि जताकर चर्चा में रहा है, और यह कानून उस दिशा में प्रारंभिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

मुख्य प्रावधान

1. बहुविवाह का अपराधीकरण

पहली शादी समाप्त किए बिना दूसरी शादी करना अब अपराध होगा।

2. विवाह छिपाना

पहली शादी को छिपाने पर 10 साल तक की कठोर कैद

3. बिना तलाक दूसरी शादी

दूसरी शादी करने पर 7 साल तक की कैद

4. बार–बार अपराध

पुनरावृत्ति करने पर पहली सज़ा की तुलना में दोगुनी सज़ा

5. धार्मिक गुरुओं/क़ाज़ियों पर दंड

ऐसी शादी करवाने वालों पर ₹1.5 लाख तक का जुर्माना

6. न्याय प्रक्रिया में बाधा

शादी की जानकारी छिपाने पर 2 साल तक की कैद + ₹1 लाख जुर्माना

7. सरकारी नौकरियों पर रोक

दोषी व्यक्तियों को सरकारी नौकरियों और राज्य कल्याण योजनाओं से अयोग्य घोषित किया जाएगा।

8. पीड़ित सहायता

बहुविवाह से प्रभावित महिलाओं के लिए मुआवज़ा कोष बनाया जाएगा।

कौन होंगे कानून से मुक्त ?

कानून निम्न पर लागू नहीं होगा:

  • अनुच्छेद 244(2) के तहत छठी अनुसूची वाले जनजातीय क्षेत्र, जैसे

    • कार्बी आंगलोंग

    • दीमा हसाओ

    • बोडोलैंड

  • असम के अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय

इन समुदायों को संविधान के तहत मान्यता प्राप्त उनके पारंपरिक रीति-रिवाजों की सुरक्षा के चलते छूट दी गई है।

महत्व और प्रभाव

महिलाओं के लिए

कानूनी सुरक्षा बढ़ेगी, शोषणकारी विवाह प्रथाओं के खिलाफ मुकदमा करना आसान होगा।

समाज के लिए

एक समान मानक आधारित, एक-पत्नी प्रथा (Monogamy) को कानूनी रूप से मजबूती मिलेगी।

शासन के लिए

कानून सामाजिक सुधार और नागरिक अधिकारों को सुदृढ़ करने में राज्य की भूमिका को मजबूत करता है।

भविष्य के सुधारों के लिए

संभावित UCC या अन्य समान नागरिक कानूनों की दिशा में यह बड़ा कदम है।

स्थिर तथ्य

विषय विवरण
कानून का नाम असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025
शादी छिपाने की सज़ा 10 साल तक की कैद
बिना तलाक दूसरी शादी की सज़ा 7 साल तक की कैद
बार-बार अपराध दोगुनी सज़ा
छूट छठी अनुसूची क्षेत्र और अनुसूचित जनजातियाँ
प्रस्तुति असम विधानसभा का शीतकालीन सत्र, 2025
अयोग्यता सरकारी नौकरी व राज्य लाभों से वंचित
पीड़ित सहायता महिला मुआवज़ा कोष
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

IIT पटना ने रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए सुपरकंप्यूटर लॉन्च किया

IIT पटना ने बिहार के पहले ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन किया है। यह राष्ट्रीय…

23 hours ago

जोहो के सहयोग से विकसित भारत का पहला स्वदेशी एमआरआई स्कैनर

जोहो समर्थित भारतीय स्टार्टअप VoxelGrids ने भारत का पहला स्वदेशी एमआरआई (मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग) स्कैनर…

1 day ago

भारतीय रेलवे 2030 तक 48 शहरों में ट्रेनों की शुरुआती क्षमता को दोगुना करेगा

भारत सरकार ने घोषणा की है कि भारतीय रेलवे वर्ष 2030 तक देश के 48…

1 day ago

ओडिशा के बरगढ़ में दुनिया का सबसे बड़ा ओपन-एयर थिएटर ‘धनु यात्रा’ शुरू

दुनिया के सबसे बड़े खुले रंगमंच धनु यात्रा का उद्घाटन ओडिशा के बरगढ़ में किया…

1 day ago

पीवी सिंधु बीडब्ल्यूएफ एथलीट्स कमीशन की चेयरपर्सन चुनी गईं

भारत की बैडमिंटन आइकन पुसर्ला वेंकट सिंधु (पीवी सिंधु) ने कोर्ट के बाहर भी एक…

1 day ago

सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने विशाल सांता क्लॉज़ बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

प्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी स्थित…

1 day ago