
कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और असम सरकार के पूर्व मंत्री शरत बरकोटोकी का गुवाहाटी के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। शरत बरकोटोकी (86 वर्षीय) को उम्र संबंधी विभिन्न बीमारियों के कारण 16 अक्टूबर को गौहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
भाजपा के टोपोन कुमार गोगोई से हारने से पहले बरकटकी 1991 से 2016 तक लगातार पांच बार सोनारी के विधायक रहे। उन्होंने हितेश्वर सैकिया सरकार के साथ-साथ तरुण गोगोई सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया और शिक्षा व लोक निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले।
शरत बरकोटोकी का जीवन
सरत बरकोटोकी का जन्म 1 मार्च, 1935 को मथुरापुर, सोनारी में उनके माता-पिता, स्वर्गीय हेम चंद्र बारकोटोकी और स्वर्गीय चंद्र प्रोभा बारकोटोकी के घर हुआ था। कम उम्र से ही उन्होंने सार्वजनिक सेवा के प्रति जुनून और कांग्रेस पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित की, जो उनकी राजनीतिक यात्रा की आधारशिला बन गई।
एक कट्टर कांग्रेसी
अपने पूरे राजनीतिक जीवन के दौरान, शरत बरकोटोकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक दृढ़ सदस्य बने रहे। पार्टी के प्रति उनका समर्पण और प्रतिबद्धता विधान सभा चुनावों में उनकी लगातार सफलता से स्पष्ट हुई। वह एक लोकप्रिय प्रतिनिधि थे, जिन्होंने परिश्रम और जिम्मेदारी की गहरी भावना के साथ असम के लोगों की सेवा की।
2016 चुनाव में हार
शरत बरकोटोकी का राजनीतिक करियर, हालांकि शानदार था, लेकिन 2016 के विधान सभा चुनावों में उन्हें झटका लगा। उस चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार टोपोन कुमार गोगोई ने 24,117 वोटों के अंतर से हरा दिया था। यह चुनाव उनकी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, क्योंकि वह उन दस कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे जिन्हें चुनावी हार का सामना करना पड़ा था।



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