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असम में बालिकाओं की उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु ‘निजुत मोइना 2.0’ योजना की शुरुआत

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज ‘निजुत मोइना 2.0’ योजना का शुभारंभ किया, जो बालिकाओं के उच्च शिक्षा में नामांकन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। इस योजना के तहत छात्राओं को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका औपचारिक शुभारंभ गुवाहाटी विश्वविद्यालय के बिरिंचि कुमार बरुआ सभागार में किया गया, वहीं पूरे राज्य में एक साथ कार्यक्रम आयोजित कर आवेदन पत्रों का प्रतीकात्मक वितरण भी किया गया।

शिक्षा के माध्यम से बेटियों को सशक्त बनाने की पहल
‘निजुत मोइना’ योजना का उद्देश्य बेटियों को सशक्त बनाना और ड्रॉपआउट दर को कम करना है। इस योजना के अंतर्गत उन्हें उच्चतर माध्यमिक (HS) से लेकर स्नातकोत्तर (PG) तक की पढ़ाई के लिए निरंतर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना समावेशी है—आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी परिवारों की बेटियां इससे लाभ उठा सकती हैं।

शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सबसे प्रभावशाली माध्यम है, और ‘निजुत मोइना’ जैसी पहलें युवतियों को सशक्त बनाने और उनके सुरक्षित भविष्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगी।

वित्तीय सहायता की संरचना
‘निजुत मोइना 2.0’ योजना के तहत छात्राओं को निम्नानुसार वार्षिक सहायता दी जाएगी:

  • एचएस प्रथम वर्ष की छात्राएं – ₹10,000 वार्षिक (₹1,000 प्रतिमाह, 10 माह तक)

  • स्नातक स्तर की छात्राएं – ₹12,500 वार्षिक (₹1,250 प्रतिमाह, 10 माह तक)

  • स्नातकोत्तर स्तर की छात्राएं – ₹25,000 वार्षिक (₹2,500 प्रतिमाह, 10 माह तक)

यह योजना सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को कवर करती है। केवल इस वर्ष ही चार लाख से अधिक बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है।

राज्यव्यापी क्रियान्वयन
गुवाहाटी में मुख्य कार्यक्रम के साथ-साथ पूरे राज्य में जिला स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें आवेदन पत्रों का वितरण किया गया और योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाई गई। शैक्षणिक संस्थानों, सामुदायिक नेताओं और महिला समूहों की सक्रिय भागीदारी से योजना को मजबूत स्थानीय समर्थन प्राप्त हुआ।

यह वित्तीय सहायता एक बार की नहीं, बल्कि छात्राओं की पूरी शैक्षणिक यात्रा के दौरान निरंतर समर्थन देने वाली व्यवस्था है, जिससे वे आर्थिक बोझ से मुक्त होकर पूरी लगन से पढ़ाई कर सकें।

शैक्षिक समानता की दिशा में कदम
‘निजुत मोइना’ योजना असम की व्यापक लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दृष्टि के अनुरूप है। यह पहल छात्राओं को वित्तीय आत्मनिर्भरता प्रदान कर उच्च शिक्षा में लिंग आधारित अंतर को पाटने और राज्य में समावेशी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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