केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने चेन्नई में देश के पहले ड्रोन स्किलिंग एंड ट्रेनिंग वर्चुअल ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया। इसके अलावा अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि भारत ड्रोन प्रौद्योगिकी का केंद्र बन जाएगा और देश को अगले साल तक कम से कम एक लाख ड्रोन पायलटों की आवश्यकता होगी। ठाकुर ने कहा कि “प्रौद्योगिकी वास्तव में तेजी से दुनिया को बदल रही है और यह अब की तुलना में कभी भी अधिक प्रासंगिक नहीं रही है क्योंकि इसके अनुप्रयोग कुछ मुद्दों को हल कर रहे हैं।
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मुख्य बिंदु
- मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि गरुड़ एयरोस्पेस ने हजारों युवाओं को बढ़ने और बदलाव करने का अवसर दिया है और आगे भी देगा आगे अपने भाषण में मंत्री ने यह भी कहा कि प्रत्येक पायलट प्रति माह 50,000 रुपये से 80,000 रुपये के बीच कमाएगा, जिसके परिणामस्वरूप इंडस्ट्री द्वारा लगभग 6,000 करोड़ रुपये का रोजगार दिया जाएगा।
- इसके अलावा ठाकुर ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले इंडस्ट्री और सरकारी एजेंसियां भी प्रभावित होंगी। उन्होंने अगले दो वर्षों में एक लाख “मेड इन इंडिया” ड्रोन बनाने की गरुड़ एयरोस्पेस की योजना की सराहना की।
- देश भर के 775 जिलों में आयोजित होने वाले गरुड़ के ड्रोन कौशल और प्रशिक्षण सम्मेलन के 10 लाख युवाओं तक पहुंचने की उम्मीद है।
- देश में 200 से अधिक ड्रोन स्टार्टअप चालू हैं इसे यह देखते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ेगी।