हिमाचल प्रदेश कैडर की 1994 बैच की आईएएस अधिकारी अनुराधा ठाकुर को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बोर्ड में नियुक्त किया गया है। वे 1 जुलाई 2025 से पदभार ग्रहण करेंगी और सेवानिवृत्त हो रहे आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ का स्थान लेंगी। इसके साथ ही, अनुराधा ठाकुर भारत की पहली महिला आर्थिक मामलों की सचिव बन गई हैं — यह पद पहले डॉ. मनमोहन सिंह और मोंटेक सिंह अहलूवालिया जैसे प्रतिष्ठित लोगों द्वारा संभाला गया था। जल्द ही उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के केंद्रीय निदेशक मंडल में भी वित्त मंत्रालय की प्रतिनिधि के रूप में शामिल किए जाने की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
समाचार में क्यों?
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सरकार ने अनुराधा ठाकुर की SEBI बोर्ड में नियुक्ति अधिसूचित की है।
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वे 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे अजय सेठ का स्थान लेंगी।
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साथ ही, उन्हें RBI के केंद्रीय बोर्ड में भी सरकार की ओर से सदस्य नियुक्त किया जाएगा।
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वे भारत की पहली महिला आर्थिक मामलों की सचिव बनी हैं — भारतीय प्रशासनिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
पृष्ठभूमि और कैरियर हाइलाइट्स
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अनुराधा ठाकुर बिहार से हैं और हिमाचल प्रदेश कैडर की 1994 बैच की आईएएस अधिकारी हैं।
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पूर्व में उन्होंने निम्न पदों पर कार्य किया:
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अतिरिक्त सचिव, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
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निदेशक, सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO)
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विशेष कर्तव्य अधिकारी, आर्थिक कार्य विभाग (DEA)
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उन्होंने कई प्रमुख पहलों का नेतृत्व किया:
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प्रधानमंत्री इंटर्नशिप कार्यक्रम
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3Is पहल: Inquiry, Inspection, and Investigation
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एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश
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भारत बॉन्ड ईटीएफ की शुरुआत
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DIPAM के तहत परिसंपत्ति मुद्रीकरण अभियान
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नियामक बोर्डों में नियुक्तियाँ
SEBI बोर्ड
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अनुराधा ठाकुर को आंशिककालिक पदेन सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
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वे अजय सेठ का स्थान लेंगी।
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अन्य पदेन सदस्य:
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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर
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कॉरपोरेट मामलों की सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी
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RBI केंद्रीय बोर्ड (जल्द अधिसूचना अपेक्षित)
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उन्हें वित्त मंत्रालय की ओर से सरकारी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
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वे एम. नागराजु (वित्तीय सेवा सचिव) के साथ बोर्ड में शामिल होंगी।
आर्थिक मामलों की सचिव के रूप में भूमिका और अपेक्षाएँ
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सरकार की ओर से SEBI और RBI बोर्ड में प्रतिनिधित्व करेंगी।
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आर्थिक नीतियों के निर्माण में प्रमुख भूमिका:
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सरकारी उधारी योजनाएँ
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अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के साथ संवाद
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राजकोषीय एवं वित्तीय सुधार
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नियुक्ति का महत्व
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शीर्ष नौकरशाही पदों में लैंगिक प्रतिनिधित्व की दिशा में एक मील का पत्थर।
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उनके पास विनिवेश, नियामक प्रवर्तन और आर्थिक सुधारों में गहन अनुभव है।
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भारत की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग को सुधारने के प्रयासों में उनकी भूमिका अहम होगी।