केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 6 दिसंबर 2025 को गुजरात के वाव-थराड़ ज़िले में बनास डेयरी द्वारा निर्मित नए बायो-सीएनजी और उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया और 150 टन क्षमता वाले मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पित श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेयरी क्षेत्र को अधिक टिकाऊ, आत्मनिर्भर और लाभकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नया बायो-सीएनजी एवं उर्वरक संयंत्र बनास डेयरी के सर्कुलर इकॉनमी मॉडल का हिस्सा है। यह गाय के गोबर और अन्य जैविक अपशिष्ट को नवीकरणीय बायो-ईंधन और जैविक खाद में बदलकर पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आमदनी—दोनों में वृद्धि करेगा।
श्री शाह ने मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखने के साथ-साथ पनीर प्लांट, प्रोटीन यूनिट और अन्य कई सुविधाओं की भी घोषणा की। इन विस्तार परियोजनाओं के माध्यम से गुजरात को भारत के सहकारी डेयरी आंदोलन का सशक्त केंद्र बनाने का लक्ष्य है। आज बनास डेयरी एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है और इसका वार्षिक टर्नओवर ₹24,000 करोड़ पहुँच चुका है।
अमित शाह ने सरकार के श्वेत क्रांति 2.0 कार्यक्रम को रेखांकित करते हुए इसके चार प्रमुख स्तंभ बताए—
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
पशुपालन अवसंरचना विकास निधि
पुनर्गठित राष्ट्रीय डेयरी योजना
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
इन पहलों का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना, आत्मनिर्भरता बढ़ाना और देशभर में वैल्यू-ऐडेड डेयरी उत्पादों का विस्तार करना है।
अपने संबोधन में शाह ने बनासकांठा की “माताओं और बहनों” के योगदान को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि दूध संग्रहण से लेकर प्रसंस्करण और वितरण तक का पूरा काम सहकारी मॉडल पर महिलाओं द्वारा संचालित है, और लाभ सीधे हर सप्ताह उनके बैंक खातों में जमा होता है। यह पारदर्शी और स्थानीय स्तर पर संचालित मॉडल महिलाओं के सशक्तिकरण का ऐसा उदाहरण है, जिसे दुनिया के बड़े-बड़े एनजीओ भी नहीं दे पाए।
बनास डेयरी द्वारा अपनाए गए सर्कुलर इकॉनमी मॉडल में शामिल हैं—
पशु अपशिष्ट से बायो-सीएनजी उत्पादन
जैविक उर्वरक निर्माण
उच्च-मूल्य डेयरी उत्पाद (प्रोटीन पाउडर, बेबी फूड, डेयरी व्हाइटनर)
सहकारी ढांचे पर आधारित पशु-चारा उत्पादन
शाह ने कहा कि इस मॉडल से किसानों की आय कम से कम 20% बढ़ेगी, भले ही दूध उत्पादन में वृद्धि न हो। वित्त, तकनीक और प्रसंस्करण—सभी स्तरों पर एक सम्पूर्ण ढांचा तैयार किया जा चुका है।
शाह ने घोषणा की कि—
2026 के जनवरी महीने में देशभर के 250 डेयरी नेता बनास डेयरी का दौरा करेंगे
बीज, जैविक उत्पाद और निर्यात के लिए तीन नए राष्ट्रीय सहकारी संस्थान स्थापित किए गए हैं
दूध समितियों में वित्तीय सेवाओं और लॉजिस्टिक्स के लिए माइक्रो-एटीएम का उपयोग शुरू किया गया है
कृषि और डेयरी वैल्यू-चेन जैसे चीज, खोया, तेल, शहद और पैकेजिंग को भी सहकारी ढाँचों में शामिल किया जाएगा
उन्होंने अमूल के चेयरमैन को उच्च मूल्य वाले वैश्विक डेयरी उत्पादों की एक सूची भी सौंपी और घरेलू स्तर पर इनके तुरंत उत्पादन की आवश्यकता बताई, ताकि भारत वैश्विक मांग का लाभ उठा सके।
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