केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने णिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के मर्जिंग पोलो कॉम्प्लेक्स में एक पोलो खिलाड़ी की 120 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। मणिपुर को खेल का जन्मस्थान माना जाता है। इस दौरान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अमित शाह को एक पोलो मैलेट और खेल की एक पेंटिंग दी।
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प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय गृह मंत्री चुराचांदपुर जाएंगे, जहां वह पहाड़ी जिले के पहले मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का उद्घाटन करेंगे।
- वह बिष्णुपुर जिले के मोइरांग जाएंगे, जहां वह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और जनता को संबोधित करेंगे।
- वह 1,300 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास भी करेंगे।
- वह 40 पुलिस चौकियों के निर्माण की आधारशिला रखेंगे, जिनमें से 34 भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर और छह राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर होंगी।
- उनके द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में संगाईथेल में मणिपुर ओलंपियन पार्क, राज्य द्वारा संचालित जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) में एक निजी वार्ड, मोरेह शहर की जल आपूर्ति योजना, कांगला किले के पूर्वी हिस्से में नोंगपोक थोंग ब्रिज और गुफा और कांगखुई गुफा में पर्यटन परियोजना शामिल है।
मणिपुर में पोलो का इतिहास
मणिपुर को भारत में पोलो के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है; पोलो का आधुनिक खेल मणिपुर से लिया गया है। इस खेल को पहले ‘सगोल कांगजी’, ‘कंजई-बाजी’ या ‘पुलु’ के नाम से जाना जाता था। दुनिया का सबसे पुराना पोलो ग्राउंड मणिपुर में इम्फाल पोलो ग्राउंड है। पोलो ग्राउंड का इतिहास 33 ईस्वी से शुरू होने वाले शाही क्रॉनिकल “चीथरोल कुंभाबा” में स्थापित है।