केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘केंद्रीय हिंदी समिति’ की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय हिंदी समिति देश भर में हिंदी भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करने वाली सर्वोच्च संस्था है।
कार्यक्रम का अवलोकन:
- इवेंट: केंद्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक
- अध्यक्षता: केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने की
- स्थान: नई दिल्ली
- उद्देश्य: हिंदी भाषा के विकास और प्रचार पर चर्चा करना
केंद्रीय हिंदी समिति का महत्व:
- यह समिति भारत में हिंदी के प्रचार और विकास के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करने वाली सर्वोच्च संस्था है।
- विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों द्वारा लागू किए जाने वाले कार्यक्रमों और नीतियों का समन्वय करती है।
- समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रगति और विस्तार मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहलें:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से 2024 तक भारतीय भाषाओं की रक्षा और प्रचार के लिए समर्पित किया है।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हाल ही में पांच भारतीय भाषाओं को “क्लासिकल भाषा” का दर्जा प्रदान किया गया।
- भारत दुनिया का अकेला देश है जहाँ 11 भाषाओं को क्लासिकल भाषाओं के रूप में मान्यता प्राप्त है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी का प्रचार:
- प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में बोलकर इसकी महत्ता को उजागर किया है।
- इस वैश्विक पहुँच से हिंदी भाषा की अहमियत में इज़ाफा हुआ है।
भारतीय भाषाओं में शिक्षा:
- विभिन्न भारतीय भाषाओं, विशेष रूप से हिंदी में शिक्षा की उपलब्धता ने इन भाषाओं के विकास में मदद की है।
- हिंदी में इंजीनियरिंग, चिकित्सा और माध्यमिक शिक्षा की उपलब्धता ने भाषा के विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया है।
सरकार द्वारा प्रमुख पहलें:
- हिंदी शब्दसिंधु शब्दकोश:
- एक व्यापक हिंदी शब्दकोश बनाने की योजना, जिसे अगले पांच वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा शब्दकोश बनाने का लक्ष्य है।
- भारतीय भाषा अनुभाग (Bhartiya Bhasha Anubhag):
- यह पहल सभी भारतीय भाषाओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करती है और अनुवाद के लिए तकनीक का उपयोग करती है।
- आधिकारिक भाषा सम्मेलन:
- देशभर में आयोजित किए गए सम्मेलन हिंदी को एक आधिकारिक भाषा के रूप में समझने और उसकी महत्ता को बढ़ाने के लिए आयोजित किए जाते हैं।
भविष्य की योजनाएँ हिंदी को मजबूत करने के लिए:
- हिंदी साहित्य और इसके व्याकरण रूपों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नीति विकसित करना।
- आधुनिक शिक्षा पाठ्यक्रमों का हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करना ताकि शिक्षा अधिक सुलभ हो सके।
- हिंदी को अधिक सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य और विभिन्न उपयोगों के लिए लचीला बनाने के प्रयास।
केंद्रीय हिंदी समिति की संरचना:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समिति के अध्यक्ष हैं।
- इस समिति में 9 केंद्रीय मंत्री, 6 राज्य मुख्यमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण सदस्य जैसे संसदीय समिति के उपाध्यक्ष और आधिकारिक भाषा विभाग के सचिव शामिल हैं।
- कुल सदस्य: 21 सदस्य, जिनमें उप-समितियों के संयोजक और आधिकारिक भाषा विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।
बैठक में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति:
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, श्री जगत प्रकाश नड्डा
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री, श्री धर्मेन्द्र प्रधान
- कानून और न्याय राज्य मंत्री, श्री अर्जुन राम मेघवाल
- अन्य उल्लेखनीय उपस्थितियों में ओडिशा के मुख्यमंत्री और आधिकारिक भाषा विभाग के सचिव शामिल थे।
Summary/Static | Details |
चर्चा में क्यों? | श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘केन्द्रीय हिंदी समिति’ की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की। |
उद्देश्य | भारत में हिंदी भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार पर चर्चा करना। |
शास्त्रीय भाषा की स्थिति | पाँच भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा दिया गया, जिनमें से 11 भाषाओं को भारत में शास्त्रीय के रूप में मान्यता दी गई। |
हिन्दी शब्दसिंधु शब्दकोश | एक व्यापक हिंदी शब्दकोष का निर्माण, जिसका लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर विश्व का सबसे विस्तृत शब्दकोष बनना है। |
भारतीय भाषा अनुभाग (भारतीय भाषा अनुभाग) | इस पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी और अनुवाद के माध्यम से भारतीय भाषाओं को मजबूत बनाना है। |
केन्द्रीय हिन्दी समिति की रचना | इसमें 9 केंद्रीय मंत्री, 6 मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारी, कुल 21 सदस्य शामिल हैं। |