भारतीयों की पीढ़ियों के लिए रेडियो को परिभाषित करने वाली महान आवाज़ अमीन सयानी का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम बिनाका गीतमाला के लिए जाने जाने वाले, सयानी की आवाज़ भारतीय घरों में एक प्रधान थी, जिसने देश भर में संगीत और इसके प्रेमियों के बीच की दूरी को पाट दिया। . 20 फरवरी की शाम को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्हें दक्षिण मुंबई के एच एन रिलायंस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने शाम 7 बजे के आसपास अंतिम सांस ली, जैसा कि उनके बेटे राजिल सयानी ने पुष्टि की।
अमीन सयानी का जन्म
अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 मुंबई में हुआ। उन्होंने रेडियो की दुनिया में अपना बड़ा नाम स्थापित किया। दर्शक उनकी आवाज से सीधे तौर पर जुड़े और दिल थामकर उनके कार्यक्रम का इंतजार किया करते। अमीन सयानी ने रेडियो प्रेजेंटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो, मुंबई से की थी। उनके भाई हामिद सयानी ने उनका परिचय यहां से कराया था।
पचास हजार से अधिक कार्यक्रमों का रिकॉर्ड दर्ज
रिपोर्ट्स के मुताबिक सयानी ने लगभग दस वर्षों तक अंग्रेजी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने भारत में ऑल इंडिया रेडियो को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमीन सयानी ने नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस/वॉयसओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने करीब 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज देने के लिए भी अमीन सयानी का नाम लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
फिल्मों में दर्ज कराई उपस्थिति
रेडियो ने अमीन सयानी को जो पहचान दिलाई, वह बहुत आगे तक कई। वे कई फिल्मों में रेडियो अनाउंसर के तौर पर नजर आए। इनमें भूत बंगला, तीन देवियां, बॉक्सर और कत्ल जैसी फिल्में शामिल हैं। रेडियो की दुनिया में अपने योगदान के लिए अमीन सयानी को कई बड़े व प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए गए। इनमें लिविंग लीजेंड अवॉर्ड (2006), इंडियन सोसाइटी ऑफ एटवरटाइजमेंट की तरफ से गोल्ड मेडल (1991) , पर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड (1992)- लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स शामिल हैं।