भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) लक्ष्मीनारायण रामदास का आज निधन हो गया। लक्ष्मीनारायण 90 वर्ष के थे। रामदास ने दिसंबर 1990 से सितंबर 1993 तक नौसेना प्रमुख के पद पर अपनी सेवाएं दी थीं। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी।
उनके परिवार में उनकी पत्नी ललिता रामदास और तीन बेटियां हैं।वह पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी से जुड़े थे। दक्षिण एशिया को सैन्यीकरण से दूर करने और परमाणु निरस्त्रीकरण के उनके प्रयासों के लिए 2004 में उन्हें शांति के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
शुरुआती ज़िंदगी और पेशा
- 5 सितंबर, 1933 को माटुंगा, बॉम्बे में जन्म।
- कर्तव्य और देशभक्ति से प्रेरित होकर 1949 में देहरादून में सशस्त्र बल अकादमी में शामिल हुए।
- सितंबर 1953 में संचार विशेषज्ञ के रूप में भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त हुआ।
नेतृत्व की विरासत
- कोचीन में नौसेना अकादमी की स्थापना की।
- 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान आईएनएस ब्यास की कमान संभाली।
- बॉन, पश्चिम जर्मनी में भारतीय नौसेना अताशे के रूप में सेवा की (1973-76)।
- पूर्वी नौसेना कमान के फ्लीट कमांडर और दक्षिणी और पूर्वी नौसेना कमान के कमांडर के पदों पर कार्य किया।
- सराहनीय नेतृत्व के कारण उन्हें साथियों और अधीनस्थों से सम्मान और प्रशंसा मिली।
- 30 नवंबर, 1990 को 13वें नौसेना प्रमुख (सीएनएस) बने।
- लैंगिक समानता की वकालत की और अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय नौसेना में महिलाओं को शामिल करने का बीड़ा उठाया।