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एडीबी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत पर कायम रखा

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एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत पर कायम रखा है। एडीबी ने एशियन विकास परिदृश्य (एडीओ) पर बुधवार को जारी अपने ताजा जुलाई के आकलन में कहा है कि ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता मांग में सुधार की वजह से उसने वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, लेकिन वैश्विक स्तर पर सुस्ती से निर्यात घटने की स्थिति में यह अनुमान प्रभावित हो सकता है।

 

मुख्य बिंदु

  • भारतीय अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। एडीबी ने कच्चे तेल की कीमतों में नरमी की वजह से चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अपने अनुमान को मामूली घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया है। अप्रैल में उसने मुद्रास्फीति के पांच प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था।
  • एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून और अन्य मौसमी कारक सामान्य रहने और भूराजनीतिक मोर्चे पर कोई और झटका नहीं लगने पर 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। अगले वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • एडीबी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत में ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता मांग में सुधार की उम्मीद है। उपभोक्ता विश्वास, शहरी बेरोजगारी तथा मोटरबाइक की बिक्री के आंकड़ों से यही संकेत मिल रहा है।
  • रिपोर्ट कहती है कि निवेश वृद्धि मजबूत बनी हुई है। बैंक ऋण में बढ़ोतरी तथा घरों की मांग के आंकड़े यह दर्शाते हैं। इसे केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में कम बढ़ोतरी से भी समर्थन मिला है।
  • आपूर्ति पक्ष के बारे में इसमें कहा गया है कि इसे विनिर्माण से प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि उत्पादन की लागत कम हुई है।
  • मुद्रास्फीति के संबंध में एडीबी ने कहा कि खाद्य और कच्चे तेल की कीमतें घटने के बाद मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से नीचे आ गई है।
  • खुदरा मुद्रास्फीति 2022 में ज्यादातर समय छह प्रतिशत से ऊपर रही थी। जून, 2023 में यह घटकर 4.81 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के 2023 में 4.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मजबूत घरेलू मांग से क्षेत्र की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा ईंधन और खाने-पीने का सामान सस्ता होने से मुद्रास्फीति लगातार नीचे आएगी। इसके महामारी-पूर्व के स्तर पर आने की उम्मीद है। ताजा आकलन में एडीबी ने एशिया-प्रशांत के लिए 2024 में वृद्धि दर के अनुमान को मामूली घटाकर 4.7 प्रतिशत कर दिया है। अप्रैल में इसके 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

 

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