एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा वित्तपोषित “स्ट्रेंथनिंग मल्टीमॉडल एंड इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम” (SMILE) कार्यक्रम भारत में लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। यह पहल राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को समर्थन प्रदान करती है, जिससे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग के मानकीकरण और व्यापार लॉजिस्टिक्स के डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
SMILE कार्यक्रम का परिचय
SMILE (स्माइल) कार्यक्रम एक व्यापक पहल है जिसका उद्देश्य भारत के लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे में सुधार करना और इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। यह कार्यक्रम विभिन्न परिवहन साधनों को एकीकृत करने, वेयरहाउसिंग प्रक्रियाओं को मानकीकृत करने और व्यापार लॉजिस्टिक्स को डिजिटलीकरण के माध्यम से आधुनिक बनाने पर केंद्रित है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक लचीला बनाया जाएगा।
SMILE कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य
ADB द्वारा वित्तपोषित इस कार्यक्रम के तहत निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर कार्य किया जाएगा:
1. संस्थागत बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
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राष्ट्रीय, राज्य और नगर स्तरों पर एक संगठित लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा।
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सड़क, रेल, हवाई और जलमार्गों को एकीकृत कर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब विकसित किए जाएंगे।
2. वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स परिसंपत्तियों का मानकीकरण
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वेयरहाउसिंग सुविधाओं को एक समान मानकों के तहत विकसित किया जाएगा जिससे आपूर्ति श्रृंखला अधिक प्रभावी बनेगी।
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निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देकर लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश आकर्षित किया जाएगा।
3. व्यापार लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार
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बंदरगाह कनेक्टिविटी में सुधार कर, सीमा शुल्क निकासी को सुगम बनाया जाएगा।
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निर्यातकों और आयातकों के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया जाएगा ताकि व्यापार को बढ़ावा मिल सके।
4. लॉजिस्टिक्स का डिजिटलीकरण
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स्मार्ट लॉजिस्टिक्स सिस्टम को अपनाकर रियल-टाइम ट्रैकिंग, ऑटोमेटेड प्रोसेसिंग और डेटा-आधारित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
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इलेक्ट्रिक वाहन और वैकल्पिक ईंधन को अपनाकर कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाएगा।
SMILE कार्यक्रम का प्रभाव और भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता
SMILE कार्यक्रम के तहत भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे:
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लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) में सुधार होगा, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा।
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लॉजिस्टिक्स लागत (जो वर्तमान में भारत की जीडीपी का 13-14% है) को विकसित देशों के स्तर (8-9%) तक लाने में मदद मिलेगी।
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निजी निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
SMILE कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी
इस कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीति बनाई गई है:
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भूमि बंदरगाहों (Land Ports) पर लैंगिक ऑडिट किए जाएंगे ताकि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को मापा जा सके।
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भारत में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICPs) को महिला-अनुकूल मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा।
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महिला उद्यमियों और श्रमिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत और आर्थिक विकास में SMILE की भूमिका
SMILE कार्यक्रम, आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) को बढ़ावा देने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार नेटवर्क में भारत के एक मजबूत खिलाड़ी बनने की संभावनाओं को और अधिक सुदृढ़ करेगा।
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आपूर्ति श्रृंखला में देरी को कम करेगा, जिससे भारतीय निर्यातकों और निर्माताओं को लाभ मिलेगा।
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भारत को वैश्विक विनिर्माण हब (Global Manufacturing Hub) के रूप में स्थापित करेगा।
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लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करेगा।
भविष्य की योजनाएँ
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FSA 2026 के तहत भारत सरकार और ADB मिलकर SMILE कार्यक्रम के लिए रणनीति विकसित करेंगे।
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निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित कर इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
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डिजिटलीकरण और हरित लॉजिस्टिक्स (Green Logistics) को बढ़ावा देकर सतत विकास को सुनिश्चित किया जाएगा।
SMILE कार्यक्रम भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक प्रभावी, किफायती और पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।